आइसक्रीम बनाने वाली कंपनियां इन दिनों कुछ अलग ही गुल खिला रही हैं। सामान्य तौर पर आइसक्रीम में मिल्क फैट का इस्तेमाल होता है। मिल्क फैट का इस्तेमाल करने के बजाए ये कंपनियां वेजीटेबिल फैट का प्रयोग करके आइसक्रीम जैसा उत्पाद फ्रोजन डेजर्ट बना रहीं है। लोग आइसक्रीम समझ कर इसे खा रहे हैं।
आइसक्रीम के नाम पर फ्रोजन डेजर्ट बेचने का यह कारोबार दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की कर रहा है। भारत के 1800 करोड़ के आइसक्रीम मार्केट के 40 फीसदी हिस्से पर इसका कब्जा है।
यह है आइसक्रीम और फ्रोजन डेजर्ट में अंतर
आइसक्रीम व फ्रोजन डेजर्ट में मुख्य अंतर मिल्क फैट व वेजीटेबिल फैट का होता है। आईस्क्रीम में मिल्क फैट होता है, जबकि फ्रोजन डेजर्ट में वेजीटेबिल फैट होता है। आइसक्रीम के मुकाबले फ्रोजन डेजर्ट की कीमत काफी कम होती है। हालांकि दोनों के स्वाद और दिखने में कोई अंतर नजर नहीं आता है लेकिन दोनों की कीमतों में कई गुणे का अंतर होता है मतलब हींग लगे न फिटकरी फिर भी रंग चोखा। मिल्क फैट की कीमत जहां 300 रुपये किलो है, वहीं वेजिटेबिल फैट सिर्फ 50 रुपए किलो के हिसाब से मिल जाता है।
ऐसे बनता है फ्रोजन डेजर्ट
शुद्ध आइसक्रीम दूध और क्रीम से बनाई जाती है, जबकि फ्रोजन डेजर्ट के नाम से बेची जाने वाली आइसक्रीम मिल्क पावडर, वेजीटेबिल फैट और चीनी के मिश्रण से बनती है। तीनों को मिक्सरनुमा मशीन में डाल कर इतना घोटा लगाया जाता है कि यह आइसक्रीम की तरह हो जाता है। इसे फर्मे में रखकर जमा दिया जाता है और पैक कर बाजार में बेचा जाता है।
क्या कहता है कानून
कानून से बचने के लिए पैक पर कहीं भी आइसक्रीम नहीं लिखा जाता और छोटे से अक्षर में फ्रोजन डेजर्ट लिखा होता है, जिसे कानूनी रूप से बाजार में बेचा जा सकता है। इसके बेचने पर प्रतिबंध नहीं है।
सेहत पर खतरा
कोलेस्ट्रॉल बढ़ाती है फ्रोजन डेजर्ट आइसक्रीम। आइसक्रीम खाने वालों के लिए फ्रोजन डेजर्ट खतरे का कारण बन सकता है। खासतौर से उन लोगों के लिए जिनके शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा ज्यादा हो गई है। मुनाफे के फेर में व्यापारी हकीकत न बताकर लोगों की सेहत को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
डाक्टरों के अनुसार पच्चीस वर्ष या अधिक उम्र के लोगों में आमतौर पर कोलेस्ट्राल ज्यादा हो जाता है। ऎसे में इस फ्रोजन डेजर्ट का सेवन नुकसानदेह हो सकता है। चूंकि यह कोलेस्ट्राल बढ़ाता है, इसलिए बढ़ी मात्रा से दिल का दौरा पड़ सकता है और इसके सेवन से लीवर में सूजन की स्थिति भी बन सकती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि वेजिटेबल फैट वैसे कोई नुकसानदायक चीज नहीं है। खाने वाले तेल का इस्तेमाल होना आम बात है लेकिन यह ज्यादा होने पर नुकसानदेह साबित हो सकता है।
आखिर मुश्किल क्या है
सबसे मुश्किल बात यह है कि ज्यादातर लोगों को अहसास भी नहीं है कि वे जिस आइसक्रीम को मजे लेकर खा रहे हैं, वह वास्तव में आइसक्रीम है ही नहीं। उन बेचारों को पता भी नहीं जिस आइसक्रीम की वे कीमत चुका रहे हैं उसके बदले में उन्हें मिल रहा है आधे से कम दाम का फ्रोजन डेजर्ट। कई बड़ी कंपनियां कैंडी, कोन और कप में आइसक्रीम के बजाय फ्रोजन डेजर्ट बेच रही हैं। दो दशकों से भी कम वक्त में इस उत्पाद ने देश में अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। देखना यह है कि सरकार इस दिशा में उपभोक्ताओं को जागरूक करने के लिए क्या कदम उठाती है।
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