जब तोप गरजती है, तो 50 गांव खोलते हैं रोजा


भोपाल/रायसेन। देश में यह अपनी तरह की अनूठी परंपरा है। रायसेन जिला मुख्यालय पर रमजान के पवित्र महीने में तोप की गर्जना के साथ सभी मुसलमान सहरी और रोजा इफ्तार करते हैं।

नवाबों के शासनकाल में रायसेन में रमजान महीने में तोप की गर्जना के साथ सहरी और रोजा इफ्तार की परंपरा शुरू हुई थी, जो आज भी कायम है। कलेक्टर द्वारा हर साल रमजान के महीने में तोपे चलाने और उसके लिए बारूद खरीदने कि लिखित अनुमति मुस्लिम त्यौहार कमेटी को निर्धारित समय के लिए प्रदान की जाती है।

रायसेन जिला मुख्यालय में ऐतिहासिक किले की पहाड़ी पर एक फिक्स्ड जगह है, जहां रमजान महीना शुरू होने के एक दिन पहले प्रशासन की अभिरक्षा में रखी तोप को मुस्लिम त्यौहार कमेटी के सदस्य लेकर जाते हैं। इसे चलाने के लिए प्रशिक्षित तोपची को ही नियुक्त किया जाता है।

रायसेन संभवत: देश का एकमात्र ऐसा शहर है, जहां रमजान महीने में रोजा इफ्तार और सहरी का संकेत, तोप चलाकर दिया जाता है। इसमें सबसे दिलचस्प बात यह है कि तोप कि गर्जना सुनकर आसपास के लगभग 50 गांव के लोग रोजा खोलते हैं।

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