भारत के ये सात आश्चर्य

PHOTOS: दुनिया के लिए कौतूहल बनें भारत के ये सात आश्चर्य
 पर्यटन मंत्रालय द्वारा पिछले साल कराए गए एक राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण के तहत सूर्य मंदिर, मीनाक्षी मंदिर, तवांग मठ, जैसलमेर दुर्ग और नालंदा विश्वविद्यालय को भारत के सात आश्चर्यजनक स्थलों के रूप में चिह्नित किया गया था। पर्यटन मंत्रालय के अतुल्य भारत अभियान के तहत इन सात आश्चर्यजनक स्थलों की घोषणा की गई थी।
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ताजमहल: ताजमहल दुनिया के सात आश्चर्यों में भी शामिल है। यह यूपी के आगरा में स्थित है। ताजमहल मुग़ल शासन की सबसे प्रसिद्ध स्मारक है। सफ़ेद संगमरमर की यह कृति संसार भर में प्रसिद्ध है। यह पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केन्द्र है। ताजमहल एक महान शासक का अपनी प्रिय रानी के प्रति प्रेम का अद्भुत शाहकार है। ताजमहल का सबसे मनमोहक और सुंदर दृश्‍य पूर्णिमा की रात को दिखाई देता है।


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स्वर्ण मंदिर: स्वर्ण मंदिर को हरमंदिर साहिब या दरबार साहिब भी कहा जाता है। इसके आस-पास के सुंदर परिवेश और सोनेकी परत के कारण इसे स्वर्ण मंदिर कहते हैं। यह पंजाब के अमृतसर में स्थित है और सिक्खों का सबसे पवित्र मंदिर माना जाता है। यह सिक्ख धर्म की सहनशीलता और स्वीकार्यता का संदेश अपनी वास्तुकला के माध्यम से देता है।


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नालंदा विश्वविद्यालय: भारत में प्राचीनकाल में बिहार के नालन्दा में स्थित इस विश्‍वविद्यालय में देश-विदेश के छात्र शिक्षा ग्रहण करने के लिए आते थे। आजकल इसके अवशेष दिखलाई देते हैं। इसका पुनरुद्धार बिहार सरकार द्वारा कराया जा रहा है और यहां फिर से इस विश्वविद्यालय को शुरू करने की योजना पर काम चल रहा है। पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को इसका चांसलर बनाया गया है।


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जैसलमेर का क़िला: जैसलमेर के क़िले का निर्माण 1156 में किया गया था। 250 फीट ऊंचा और सेंट स्‍टोन के विशाल खंडों से निर्मित 30 फीट ऊंची दीवार वाले इस किले में 99 प्राचीर हैं। इनमें से 92 का निर्माण 1633 और 1647 के बीच कराया गया था। इस किले के अंदर मौजूद कुएं पानी का निरंतर स्रोत हैं।


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तवांग मठ: यह अरुणाचल प्रदेश के तवांग शहर में स्थित एक बौद्ध मठ है। इसका निर्माण मेराक लामा लोड्रे ग्यात्सो ने 1680-81 में कराया था। यह पहाड़ी पर बना हुआ है। यहां पर कई छोटी नदियां भी बहती हैं। यहां से पूरी त्वांग-चू घाटी के ख़ूबसूरत दृश्य देखे जा सकते हैं। यह दूर से क़िले जैसा दिखाई देता है। यह एशिया का सबसे बडा बौद्ध मठ है। यहां 700 बौद्ध भिक्षु एक साथ ठहर सकते हैं।


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कोणार्क का सूर्य मंदिर: यह उड़ीसा के पुरी ज़िले के कोणार्क में स्थित है। सूर्य मंदिर अपने निर्माण के 750 साल बाद भी अपनी अद्वितीयता, विशालता और कलात्मक भव्यता से हर किसी का मन मोह लेता है। इसे हम कोणार्क के सूर्य मन्दिर के रूप में जाना जाता है। अंग्रेजी में इसे ब्लैक पैगोडा भी कहा जाता है।


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मीनाक्षी मन्दिर: तमिलनाडु के मदुरई नगर में स्थित यह एक ऐतिहासिक मन्दिर है। यह शिव और पार्वती, दोनों को समर्पित है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव सुन्दरेश्वर रूप में अपने गणों के साथ पांड्य राजा मलयध्वज की पुत्री राजकुमारी मीनाक्षी से विवाह रचाने मदुरई नगर में आये थे। मीनाक्षी को देवी पार्वती का अवतार माना जाता है।
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