पायरोग्राफी



अमेरिका की 54 वर्षीया जूली बैंडर एक अनोखी कला में अपना करियर संवार रही हैं। वे मेपल की लकड़ी को कई परतों में अलग-अलग तापमान पर जलाकर शानदार तस्वीरें बनाती हैं। इन तस्वीरों में अलग-अलग शेड्स भी देखे जा सकते हैं। 

करीब दस साल पहले जूली ने इस कला को अपनाने का मन बनाया था। इससे पहले उन्होंने ऐसी किसी कला के बारे में नहीं सुना था। वैसे इस कला को पायरोग्राफी (Pyrography)कहते हैं और ये मिस्र के प्राचीन काल से भी पुरानी कला है। इसमें उन्हें अपने उपकरणों के तापमान का ध्यान रखना होता है। कितना गरम उपकरण कहां रखना है, ये कलाकार के दिमाग में स्पष्ट होना चाहिए। 

नतीजा देखकर लगता है कि किसी कलाकार ने पेंसिल से शेड्स दिए हैं। एटलांटा की रहने वाली जूली ने अपनी पायरोग्राफी तकनीक को काफी तराशा है। उनकी बनाई तस्वीरें हजार से लेकर चार हजार पाउंड (75 हजार से तीन लाख रुपए) में साइज के हिसाब से बिकती हैं। 

वे बताती हैं कि आज इस कला के बहुत कम जानकार हैं। उन्होंने तो बस यूं ही इसे अपना लिया था। जूली बताती हैं कि उन्होंने सिर्फ शौक में यह काम शुरू किया था, लेकिन आज उनका काम गैलरीज और म्यूजियम्स में प्रदर्शित किया जाता है। अन्य लकड़ियों की तुलना में मेपल की लकड़ी सख्त होती है, इसलिए जलाते समय इस पर नियंत्रण अच्छा रहता है। एक तस्वीर तैयार करने में उन्हें कुछ महीनों का वक्त लग जाता है।
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