दुनिया के चंद सबसे महंगे धर्मगुरु निवासों में दलाई लामा का घर पोटला पैलेस भी है। करीब 160 करोड़ रुपये के इस पैलेस में धर्मगुरु दलाई लामा हर साल सर्दियों के मौसम में रहते थे। वहीं, गर्मी के मौसम में वो नोरबुलिंग्का पैलेस में शिफ्ट हो जाते थे। वर्तमान में इस पैलेस की कीमत कई अरब रुपये आंकी जा रही है। ल्हासा में मौजूद इन दोनों ही घरों के बीच करीब 3 किलोमीटर की दूरी है।
आपको यह जान कर आश्चर्य होगा कि तिब्बत की राजधानी ल्हासा में दलाई लामा अपना शानदार महल छोड़कर भारत में शरण ली थी। ल्हासा में पोटला पैलेस को 1994 में यूनेस्को ने वर्ल्ड हैरिटेज घोषित किया था। 14वें दलाई लामा ने भारत के पूर्वी छोर धर्मशाला को ही अपना आसरा बनाया। दुनियाभर से लाखों श्रद्धालु उनके दर्शन करने भारत चले आते हैं।
करीब 400 मीटर पूर्व-पश्चिम और 350 मीटर उत्तर-दक्षिण में फैले इस पैलेस की हर दीवार करीब 3 मीटर मोटी है, वहीं गहराई में इसकी मोटाई 5 मीटर है। इसके चलते यह पैलेस पूरी तरह से भूकंप-रोधी है। पैलेस की 13 मंजिली बिल्डिंग में 1000 से ज्यादा कमरे, 10000 श्राइन और करीब 2 लाख स्टैच्यू हैं। पोटला पैलेस तीन तरफ से पहाड़ियों से घिरा हुआ है। इसके चलते यह सबसे सुरक्षित धर्मगुरु निवास स्थल भी माना जाता है। सोने के रंग वाला यह महल दूर से देखने पर किसी भी सोने के महल से कम नहीं लगता है। पहनावे के मामले में दलाईलामा अपने महल में सिर्फ बिना सिले कपड़े ही पहने हुए दिखाई देते हैं।
2002 में इस पैलेस का रिनोवेशन किया गया था। यूनेस्को के मुताबिक इसकी कुल लागत 123.75 करोड़ रुपये बैठी थी। वहीं, इससे पहले 1989 से लेकर 1994 के बीच इसके रिनोवेशन में पहले ही 37.40 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके थे, जो वर्तमान में अरबों रुपये के बराबर है।
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