Crescent lake also called Yueyaquan in Chinese is a beautiful crescent-shaped lake located 6 km south of the Dunhuang city in the arms of the Echoing-Sand Dune. The Crescent Lake's water is so pure and clear that it looks like an emerald jewel in the sand. Along the side of the Crescent Lake is a pagoda in traditional Han Chinese architecture. A street lined with souvenir stalls leads up from the entrance to the complex. Many tourists ride camels here, organized by the complex operators, to get to the summit of the sand dunes. The lake has been in existence for at least two thousands, but for the last few decades it has been gradually disappearing. According to measurement made in 1960, the average depth of the lake was 4 to 5 meters, with maximum depth 7.5 meters. In the early 1990s, the area of the lake had shrunken to only 1.37-acre (5,500 m2) with average depth of 0.9 meter (maximum 1.3 meter). Crescent Lake has dropped more than 25 feet in the last three decades while the underground water table elsewhere in the area has fallen by as much as 35 feet. In 2006, the local government with help of the central government started to fill the lake and restore its depth; its depth and size have been growing yearly since then.
When Is the Internet Awake?
Internet by day, internet by night; everyone is on the internet at some point. Whether you’re a college student cramming for an exam with a Facebook study-break, or a middle-aged parent catching up on burning through some episodes of Lost, everyone’s got their own time of the day that they like to surf the world wide web. According to Bárd Edlund, as a whole, most of the internet is awake around 9 am EST. With this world clock he’s collected probability data for 25 countries accessing the internet at a given time of 24-hour day. The x axis describes the time of day by shade of gray (lighter being earlier in the day, and darker shades later in the night), while on the y axis shows the different countries via moon-like circles. The circle size describes the amount of people with internet broadband subscriptions.
This chart is only an rough guide though. Just because a country is awake doesn’t mean that they are necessarily online reading your tweets. It’s meant to be a way of thinking of how the world realizes their sleep schedules and how it could relate to internet surfing. So I guess it’s a good reason to have these posts available around 8 am after all. via
46 बार नाग दंश के बाद भी जीवित है छंगु
इसे अंध विश्वास कहें या जहरीले नाग से अधेड़ उम्र के छंगू लंबरदार की जन्मजात दुश्मनी, जहरीला नाग अब तक उसे 46 बार काट चुका है, लेकिन हरदम वह मौत के मुंह से बच निकलता है। जहरीले सांप के कहर से बचने के लिए वह हर साल नाग पंचमी को नागवंशीय रिवाज से नाग देवता की पूजा-अर्चना करता है, फिर भी उसे कोई राहत नहीं मिल रही।
यह किसी फिल्म की कहानी नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के बांदा जनपद के पनगरा गांव के शिवपुरा मजरे के रहने वाले 48 साल के छंगू लंबरदार उर्फ सिद्दीक खां की जिंदगी की हकीकत है। जब वह 25 साल का था, तब से एक जहरीला काला नाग उससे जाति दुश्मनी निभा रहा है। रात में देखा गया सपना, दिन में हकीकत में बदल जाता है और सरेआम नाग उसे तमाम लोग की मौजूदगी में खदेड़ कर काट लेता है। ताज्जुब की बात यह है कि सांप के जहर का असर किसी अस्पताल या अन्य गांव के ओझा कम नहीं कर पाते, सिर्फ उसके ननिहाल हुसैनपुर गांव का ओझा ही उसे होश में लाता है।
खासियत यह है कि दूर-दराज के इलाके में सांप काट भी ले तो वह जब तक हुसैनपुर नहीं पहुँच जाता, उसे बेहोशी नहीं आती है। नाग और छंगू के बीच 23 साल से चली आ रही जंग के पीछे उसका भाई शफीका अंधविश्वास को कारण मानता है। शफीका बताता है कि उसके पिता को जमीन में गड़ा धन मिला था। छंगू ने जिद कर उस धन को खर्च करना चाहा। सांप ने सपने में मना किया, लेकिन वह नहीं माना। तब से यह नाग सपने में आने के बाद दिन में उसे काट चुका है। ऐसा अब तक 46 बार हो चुका है।
वह बताता है कि सांप दूर-दराज इलाके में भी काटता है, पर ननिहाल हुसैनपुर पहुंचने तक जहर का उसके भाई पर कोई असर नहीं होता और अस्पताल या अन्य ओझा की झाड़-फूंक से ठीक नहीं होता, सिर्फ हुसैनपुर का एक ओझा ही ठीक करता है। उसने बताया कि शंकरगढ़ का सपेरा दिलनाथ दो बार घर से काला नाग पकड़ कर ले जा चुका है, फिर भी राहत नहीं मिली। वहीं छंगू लंबरदार बताता है कि अब वह सांप के काटने पर जरा भी भयभीत नहीं होता है, काटने से पहले सांप सपने में आता है।
वह बताता है कि सपेरों की सलाह पर वह सोने का सांप बनवा कर इलाहाबाद के प्रयागराज संगम में बहा चुका है और पिछले पांच साल से पूरे परिवार के साथ पनगरा गांव में सपेरा नासिर खां के घर जाकर नागवंशीय रिवाज से दर्जनों जहरीले सांपों की प्रत्यक्ष पूजा-अर्चना करता है, ताकि सांप के कहर से छुटकारा मिल सके, फिर भी छुटकारा नहीं मिल रहा है। सांप पकड़ने में माहिर नासिर का कहना है कि सांप बदले की भावना से काटता है। हो सकता है, कभी उसने सांप पर हमला किया हो। इसमें अंधविश्वास जैसी कोई बात नहीं है।
विटामिन सप्लीमेंट्स के खतरे
एक नई स्टडी ने मेडिकल जगत समेत आम लोगों में हलचल मचा दी है। इसके मुताबिक अधिक मात्रा में विटामिन सप्लीमेंट्स सेहत के लिए अच्छे नहीं हैं। इन्हें खाने से पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर तो महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर की आशंका बढ़ जाती है।
स्टडी में शामिल विशेषज्ञों के मुताबिक विटामिन सप्लीमेंट्स लेने के बजाय उनके प्राकृतिक स्रोत यानी फल-सब्जियों का सेवन करना ज्यादा सही है। अगर सप्लीमेंट्स लेने की जरूरत पड़े भी, तो विशेषज्ञ से सलाह-मशविरा के बाद बताई गई मात्रा में ही उनका सेवन करें।
विटामिन ए से फ्रैक्चर
दावा:विटामिन ए से दिल की बीमारियों की आशंका बढ़ जाती है। इसकी ज्यादा मात्रा से हिप फ्रैक्चर का खतरा भी बढ़ता है, खासकर महिलाओं में।
आधार: विटामिन ए के ज्यादा सेवन से शरीर द्वारा कैल्शियम को जज्ब करने की क्षमता प्रभावित होती है। इसका असर हड्डियों की सेहत पर पड़ता है।
जरूरी क्यों:विटामिन ए दृष्टि समेत शरीर के प्रतिरोधी तंत्र के लिए बहुत जरूरी है। ये ऊतकों को स्वस्थ रखता है। इसकी कमी से दृष्टिदोष बढ़ता है। बेहतर होगा बीटा केरोटिन युक्त मल्टीविटामिन खरीदें, जो एक ऑर्गेनिक कंपाउंड होता है।
प्राकृतिक स्रोत:गाजर, पालक, लाल मिर्च, टमाटर, नारंगी, आड़ू, अंडे और दुग्ध उत्पाद।
विटामिन बी 6 से अनिद्रा
दावा:विटामिन बी 6 का सेवन करने से न सिर्फ आधी रात को नींद खुल जाती है, बल्कि यह बेतरतीब सपनों का भी कारण है।
आधार: विटामिन बी 6 ट्रिप्टोफैन को सेरोटोनिन हार्मोन में बदलने में मदद करता है। यह हार्मोन नींद के चक्र को व्यवस्थित रखता है। इसके स्राव में गड़बड़ी से नींद की मात्रा में कमी आती है।
जरूरी क्यों: इसकी कमी से त्वचा, नाड़ी, म्यूकस मैंब्रेन और सकरुलेटरी सिस्टम प्रभावित होते हैं। ये ऊतकों के निर्माण के लिए भी जरूरी है।
प्राकृतिक स्रोत:पनीर, अंडे, मेवे, साबुत अनाज, बींस और फलीदार सब्जियां।
विटामिन सी से कैंसर
दावा:विटामिन सी के ज्यादा सेवन से डीएनए क्षतिग्रस्त होते हैं। इससे कैंसर और आर्थराइटिस की आशंका बढ़ती है।
आधार: 500 मिलीग्राम या इससे ज्यादा होने पर विटामिन सी प्रो-ऑक्सीडेंट बन जाता है। इससे कोशिकाएं क्षतिग्रस्त होती हैं।
जरूरी क्यों: शरीर में इसकी कमी से त्वचा से जुड़ी समस्याएं सामने आती हैं। यही नहीं, हार्ट अटैक समेत रक्त वाहिनियों से जुड़ी अन्य परेशानियां भी सामने आती हैं। थकान ज्यादा महसूस होती है और बीमारी जल्दी-जल्दी घेरती है।
प्राकृतिक स्रोत:अमरूद, किवी, पपीता, नींबू, नारंगी और स्ट्रॉबेरी।
विटामिन डी से किडनी पर असर
दावा: विटामिन डी की अधिक मात्रा से किडनी और उसके ऊतक क्षतिग्रस्त होते हैं। इससे फ्रैक्चर होने की आशंका बढ़ती है।
आधार: विटामिन डी की अधिकता से खून और पेशाब में कैल्शियम का स्तर बढ़ता है। इससे किडनी में स्टोन बनते हैं।
जरूरी क्यों: इसकी कमी स्ट्रोक की आशंका बढ़ाती है। शरीर सही तरीके से काम नहीं करता, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और मोटापे की समस्या आ घेरती है। यही नहीं, इसकी कमी जोड़ों में दर्द देने समेत हड्डियों को कमजोर (ऑस्टियोपोरोसिस रोग) बनाती है।
विटामिन के से लिवर पर असर
दावा:विटामिन के कुछ एंटीऑक्सीडेंट्स के काम में रुकावट डालता है। इसके सेवन से कोशिकाएं क्षतिग्रस्त होने लगती हैं। ज्यादा मात्रा एनीमिया, पीलिया और खून पतला होने की आशंका बढ़ाती है।
आधार:खून में इसकी ज्यादा मात्रा से लाल रक्त कोशिकाएं टूटने लगती हैं। इसकी परिणति लिवर की समस्या के रूप में सामने आती है।
जरूरी क्यों:यह हड्डियों को मजबूती देने समेत खून को गाढ़ा बनाए रखता है। इसकी कमी से ऑस्टियोपोरोसिस और ब्लीडिंग होने लगती है।
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