Religious Thought 140
Dread hatred from within and defend yourself against it. In calamitous times it will cut deeper than a potter's knife.
- Tirukkural 89: 883
__._,_.___
When people speak badly of you, you should respond in this way: Keep a steady heart and don't reply with harsh words. Practice letting go of resentment and accepting that the other's hostility is the spur to your understanding. Be kind, adopt a generous standpoint, treat your enemy as a friend, and suffuse all your world with affectionate thoughts, far-reaching and widespread, limitless and free from hate. In this state you should try to remain.
- Dhammapada
__._,_.___
पुरानी दुश्मनी
सँता और बँता मे पुरानी दुश्मनी थी । पडौसी होने के कारण आये दिन तु तु-मै मै होती रहती ।
एक दिन दूसरे पडौसी ने सँता से पुछा कि यार कई सालोँ से देख रहा हुँ , बात का बतँगड बनाकर तुम आपस मे झगडने लगते हो , आखिर क्या दुश्मनी है बँता से ?
सँता - " बरसोँ पहले उसके बाप ने मेरे बाप का एक्सीडैँट करवा दिया था ।
आदमी ने कहा - लेकिन बँता कहता है कि तुम्हारे पिता जी की वजह से उनका भी नुक्सान हुआ था .................पूरी बात बता ?
सँता ने कहा - उसका बाप कुँए मे से बाल्टी भर कर खीँच रहा था .............................. .........तभी मेरा बाप स्कूटर लेकर बाजार जाते हुए पास से गुजरा तो उसके बाप ने हाथ जौडकर राम राम की .............................. ......... बदले मे मेरे पिताजी ने भी हाथ जौड दिये ! .............................
पडौसी ने पुछा - फिर.............. ?????
सँता - फिर क्या ? बाल्टी कुँए मे और स्कुटर खाई मे ॥
एक दिन दूसरे पडौसी ने सँता से पुछा कि यार कई सालोँ से देख रहा हुँ , बात का बतँगड बनाकर तुम आपस मे झगडने लगते हो , आखिर क्या दुश्मनी है बँता से ?
सँता - " बरसोँ पहले उसके बाप ने मेरे बाप का एक्सीडैँट करवा दिया था ।
आदमी ने कहा - लेकिन बँता कहता है कि तुम्हारे पिता जी की वजह से उनका भी नुक्सान हुआ था .................पूरी बात बता ?
सँता ने कहा - उसका बाप कुँए मे से बाल्टी भर कर खीँच रहा था ..............................
पडौसी ने पुछा - फिर.............. ?????
सँता - फिर क्या ? बाल्टी कुँए मे और स्कुटर खाई मे ॥
Religious Thought 139
Have faith, my Child, have faith. Do not be bewildered. For you are beyond all things, The heart of all knowing. You are the Self. You are God.
- Ashtavakra Gita 15:8
__._,_.___
Cut down The forest of desire, Not the forest of trees. From the forest of desire Come danger & fear. Having cut down this forest & its underbrush, monks, be deforested.
- Dhammapada, 20, translated by Thanissaro Bhikkhu
__._,_.___
सदस्यता लें
संदेश (Atom)