पूरी दुनिया में प्राकृतिक नजारों को देख कर बरबस ऐसा लगता है कि इस धरती से परे कोई शक्ति हमें संचालित करती है। हमारा ख्याल रखती है। दुनिया के कोने-कोने में हमें यह अद्भुत नजारा देखने को मिलता है। पेड़-पौधे, पत्तियां, नदीं, झील, झरने और पहाड़ सबकुछ प्रकृति का दिया अनमोल तोहफा है।
भारत के सभी राज्यों में प्रकृति की छटा देखने को मिलती है।
1- मनीकरन, हिमाचल
2- बोर्रा गुफा, आंध्र प्रदेश
3- मैगनेटिक हिल, लद्दाख
4- अमरनाथ मंदिर, जम्मू-कश्मीर
5- लिविंग रूट ब्रिज, चेरापूंजी
मनीकरन : कुल्लू से 45 कि.मी. मनीकरन अपने गर्म पानी के झरनों के लिए प्रसिद्ध है।यहां का पानी इतना गर्म होता है कि उसमें दाल, चावल, सब्जी आदि तक पकाए जा सकते हैं। यह स्थान हिंदुओं और सिक्खों के तीर्थस्थलों केरूप में भी प्रसिद्ध है। भगवान राम और शिव मंदिरों के अलावा यहां एक गुरुद्वारा भी है। मंदिरों और गुरुद्वारे में ठहरने की पर्याप्त जगह है।
बोर्रा गुफा: बोर्रा गुफाएं भारत के आंध्र प्रदेश राज्य में विशाखापट्नम के समीप पूर्वी घाट के अनंतगिरि पहाड़ियों में स्थित है। ये मध्यम समुद्री तल से लगभग 800 से 1300 मीटर की ऊंचाई पर हैं। लाखों साल पहले के आरोही और अवरोही निक्षेप के लिए प्रसिद्ध हैं। वर्ष 1807 में ब्रिटिश भूविज्ञानी विलियम किंग जॉर्ज द्वारा इनकी खोज की गई। गुफा का नाम गुफा के अंदर के एक गठन से पड़ा है, जो देखने में मानव मस्तिष्क जैसा लगता है, जिसे स्थानीय भाषा तेलुगू में बुर्रा कहा जाता है।
मैगनेटिक हिल: लेह-लद्दाख के निकट स्थित मैगनेटिक हिल किसी चमत्कार से कम नहीं है। यहां की पहाड़ियों में मैगनेटिक क्षमता इतनी है कि कार को उपर खींच लेती है। उड़ते हुए जहाज को नीचे खींच लेती है।
अमरनाथ मंदिर: भारत प्रशासित जम्मू-कश्मीर राज्य में हिमालय की गुफ़ा में स्थित भगवान भोले शंकर के अमरनाथ मंदिर तक भारत के कोने-कोने से श्रद्धालु सदियों से पहुंचते रहे हैं। अमरनाथ मंदिर जाने वाले यात्रियों की सुविधाओं का ख़्याल रखने के लिए राज्य विधानसभा ने वर्ष 2000 में एक क़ानून बनाकर अमरनाथ मंदिर बोर्ड का गठन किया था। यह गुफा किसी चमत्कार से कम नहीं है, इसलिए यहां बहुत श्रद्धा के साथ लोग कठिन परिस्थितियों का सामना करके जाते हैं।
लिविंग रूट ब्रिज: चेरापूंजी में स्थित लिविंग रूट ब्रिज प्रकृति का अद्भुत चमत्कार है। पेड़ों की की उलझी जड़ों से निर्मित पुल लोगों को खूब आकर्षित करते हैं। ऐसा नजारा शायद ही कहीं देखने को मिलता है।
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