शिवपुर का पत्थरीजिन्न

यह कहानी है शिवपुर गांव की जहांकुछ 2 सदी पहले एक विचित्र घटना घटी | यह गांव बहुत ही शांतिपूर्ण था और यहाँ के लोग बहुत शांतिपूर्वक रहते थे | एक दिन अचानक एक जिन्न गांव में आ गया और सब तरफ दहशत फ़ैल गई | वह जिन्न कहाँ से आया और क्युं आया किसी को नहीं पता | लेकिन उसके आने से सारे गांव में बहुत डर का माहौल फ़ैल गया |

लेकिन एक दिन वहाँ कामर अली दरवेश आये | वहाँ लोगों ने उन्हें अपनी व्यथा के बारे में बताया | कामर अली दरवेश ने उस जिन्न को काबू में कर लिया और उसे एक पत्थर बना डाला | गांव वालों ने दरवेश के नाम पर एक मस्जिद बनायी जो आज भी शिवपुर में मौजूद है | वहाँ मस्जिद के बाहर आपको एक पत्थर पड़ा मिलेगा जो लोगों का मानना है कि वही जिन्न है जिसे दरवेश जी ने पत्थरबना डाला था |

इस पत्थर कि खासियत यह है कि एक अकेला व्यक्ति इसे नहीं उठा सकता , ना ही दो, चार या फिर बारह लोग| यह पत्थर सिर्फ 11 आदमी ही उठा सकते हैं और वह भी अपनी एक ऊँगली से | कुल मिलाकर 11 लोग इकट्ठे होकर अपनी ऊँगली से पत्थर को हवा में उछालते हैं | पत्थर का वज़न कुल 70 किलोग्रामहै | लेकिन 11 लोगों के बजाए यह पत्थर कोई नहीं उठा पाता |

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