राशि और सैक्स - सिंह राशि

राशि और सैक्स - सिंह राशिSign & Sex - Lion
इस राशि की आकृति शेर के समान है। राशि स्थिर, तत्त्व अग्नि, ग्रहाधिपति सूर्य, उदय शीर्षोदय, लिंग पुरूष, जाति क्षत्रिय, दिशा दक्षिण, रहने का स्थान पर्वत की गुफा, चतुष्पदी, शरीर का अंग पेट, सत्त्वगुणी, स्वभाव क्रूर, रंग लाल मिश्रित वर्ण, प्रकृत्ति पित्त, धातु ताम्र, रत्न माणिक्य, ऋतु ग्रीष्म, सौर मंडल में पद राजा का, आकार चतुष्कोण, इन्द्रिय ज्ञान नेत्र, ग्रह के अधिपति देवता षिव हैं।इस राशि के जातक अत्यन्त तेजस्वी और सुडौल होते हैं। बलिष्ठता तथा सीना तानकर चलना इसका गुण है। इस राशि की स्त्रियां परम सुन्दरी होती हैं। कम से कम उनकी कमर शेर की कमर के समान पतली और अत्यन्त मोहक बल खाने वाली होती है। आंखें माणिक्य या हीरे के समान जगमगाती है। विश्व की सुन्दरतम महिलाओं की राशि लगभग यही है। इनके स्तन चैकोन और अत्यन्त नुकीले, उठे, लपटें फेंकते-से लगते हैं। इनका अंग चौकोन समान रूप से लम्बा-चौड़ा होता है तथा स्वभाव एकदम निर्भीक होता है। कड़ी नजर से घूर ले तो आदमी एकदम भीगी बिल्ली बन जाता है। प्रायः एकदम गम्भीर होती हैं, बोलना बहुत कम पसन्द होता है, चाल मस्तानी और बेखबर होती है। हथेलियां मजबूत तथा अंगुलियां लम्बी-नुकीली होती है। चेहरे प्रायः चौकोर होते हैं। इनका क्रोध कहर बरपा देता है। मारपीट में नाखून-दांतों का उपयोग पहले करेंगी। इनकी वासना सुप्त रहती है और जागी तो बस कच्चा चबाकर खा जाने की मुद्रा में आ जाती है। गर्भवती या प्रसूता होने का समय भाद्रपद (अगस्त-सितम्बर) प्रायः ग्रीष्म में होती है। इस राशि की महिला का सैक्स अत्यन्त प्रबल होता है। पति को भी अपने ‘अन्दर’ रखने की जबर्दस्त इच्छा होती है और जब भी मौका मिलता है, धर दबोचती है। अपने क्रूर स्वभाव, लिंग नर होने के कारण इस राशि की महिला अत्यन्त उग्र होती है। तृप्ति न होने पर यह गुस्से से भर जाती है और हाथ-पैर पटकती हैं, अशक्त पति की यह पिटाई भी कर देती है। इस राशि की महिला प्यार बहुत गहरा करती है। प्रर्दशन नहीं करती है। स्वभाव से जिद्दी और हठी होती है। अपनी बात से पीछे नहीं हटती है। इस कारण कलह शांत नहीं हो पाता। इस राशि की महिला को यदि वश में कर लिया तो जीवन-भर वफादार रहती है और पति के लिये जान भी दे देती है। सती हो जाती है।इस राशि के जातकों की कामोत्तेजना का केन्द्र पेट है। प्रायः गुदगुदी से इनको कामोत्तेजना होने लगती है। इनकी कमर दोनों ओर से पकड़कर मैथुन करने से इनको सुख मिलता है। जाति से क्षत्रिय और स्थिर गुण के कारण एक आसन में ही घोर युद्ध करना इनका स्वभाव है। चतुष्पदी राशि होने से पशुवत् आसन में मैथुन प्रिय होता है। विभिन्न प्रकार के आसन बदलते हुए क्रिया करने से नफरत करते है। उकडूं बैठना बहुत प्रिय है। इस राशि का पुरूष बैठकर ही क्रियारत होना पसन्द करता हैं। क्रिया के दौरान यदा-कदा सिंह के समान गुर्राने के स्वर अवश्य निकालते हैं। चरम सीमा पर अचानक ध्वनियां करते हैं। इस राशि का मैथुन सबसे अधिक ध्वनिमय होता है। निवास पर्वत की गुफा होने के कारण एकदम गुफा जैसा स्थान अंधकार, खिड़की-दरवाजे सब बन्द हो, तब इसको सुख मिलता है। दक्षिण की ओर मुख करके इनको विशेष सुख मिलता है। सांसे कम से कम लेते हैं। हिलना-डुलना पसन्द नहीं हैं, बस एक सुर में प्रबल रूप से क्रियारत रहते हैं। यह शीघ्र उत्तेजित होता है और स्त्री को देखकर यकायक टूट पड़ता है। इसकी पत्नी तक नहीं भांप पाती कि यह कब यकायक टूट पड़ेगा और झपाटे से तोड़कर रख देगा। हौले-हौले या धैर्य का यह व्यवहार नहीं करता, इसका झपट्टा शेर के समान होता है। यह अपना मैथुन हमेशा बलात्कार से शुरू करता है। अपने नक्षत्रों के कारण प्रबल भोगी और क्रूर होता है। वैसे यह जितेन्द्रिय होता है, मैथुन कम करता है, किन्तु जब करता है तो छक्के छुड़ा देता है। प्रायः इस राशि के जातक नोंच-खसोट करते हैं। इस राशि के जातक ही मैथुन में सबसे अधिक नख-दंत क्षत होते हैं। पहले, दौरान या अंत में यह विशेष लाड़-प्यार नहीं करते। शिकार किया, झपट्टे से चबाया और फेंक दिया। यह तुरन्त अलग हो जाया करते हैं। क्षत्रिय स्वभाव के कारण ‘खून-खराबा’ अवश्य करेंगे। स्वच्छता प्रिय है। प्रकृतिसम्मत क्रियाओं के अतिरिक्त अन्य प्रकार की क्रियाओं में इनकी रूचि नहीं होती है। पेटू होने के कारण बिना खाये-पीये यह मैथुन नहीं करते हैं। मैथुन के उपरान्त कुछ न कुछ खाना इसका स्वभाव है। इस राशि का पुरूष उन्नत, बलवान तथा चौड़े ललाट वाला होता है। स्वभाव अत्यन्त क्रोधी और हिंसक होता है। शीर्षोदय राषि के कारण समलैंगिक या अप्राकृतिक मैथुन से सर्वथा दूर रहता है। कामुक नहीं होता है। काम जागने पर यह अपनी पत्नी की हड्डियां चबाकर फेंक देता है। प्रेम अत्यन्त प्रगाढ़ होता है। दाम्पत्य जीवन का निर्वाह करता है, परिवार के सभी सदस्यों पर अपना रूआब रखता है। इन्द्रिय लम्बी और आगे से नुकीली होती है। काम-क्रिया में अधिक समय लगता है। शीर्षोदय राशि के कारण मुंह पर सब बोल देता है। पीठ-पीछे कुछ नहीं कहता। निडर होकर बात कह देता है। सन्तान का बड़ा ख्याल रखता है, अपने बच्चों के पीछे वह मरने-मारने को तैयार हो जाता है। अत्यन्त साहसी और कठोर परिश्रमी होता है। पेटू होने से खाता खूब है। आंखों के कोने प्रायः लाल रहते हैं। स्वाद कटू होने से जातकों को कटू पदार्थ अच्छे लगते हैं। बोलना भी बहुत कडुवा है। सबसे ऊपर, सब पर अपना रंग जमाकर रखना चाहता है। अंक 1 होने से हमेशा जुआ, सट्टा, लाटरी जीतता है। इसको घाटा नहीं होता है। प्रेम-पत्र स्पष्ट और शुष्क होते हैं। सन्तान अधिक से अधिक उत्पन्न करता है। इस राशि की महिलाएं दबंग होती है, गुण्ड़ों-बदमाशों को पीट देती हैं। सिंह राशि का सैक्स, दाम्पत्य जीवन और सन्तान सब कुछ शानदार होता है। जीवन के मध्याह्न काल में इनका विवाह अवश्य हो जाता है। अवैध सम्बन्ध के मामले में यह कम रूचि रखता है। एक ही शिकार से अपना पेट भर लेता है। वृद्धावस्था में भी यह नहीं मानता। अपने मरने तक इसमें सैक्स भरा रहता है। इस राशि की महिला का मासिक धर्म 55-56 की उमर तक बना रहता है।

4 टिप्‍पणियां:

nayyar azad khan ने कहा…

मेरा नाम नय्यर आजाद है (Nayyar Azad) जन्म तिथी 26 जनवरी 1970 और स्थान सिवान बिहार है समय 12 बजे मध्य रात्री का है (के आसपास) जन्म कुंडली के हिसाब मै सिंह राशी का हुं मेरे बारे में कृप्या करके बताए

Unknown ने कहा…

मेरा नाम (Ashwani sharma) जन्म तिथी 13 सितम्बर 1985 और स्थान meerut u.p. है समय 03 बजे मध्य रात्री का है (के आसपास) जन्म कुंडली के हिसाब मै सिंह राशी का हुं मेरे बारे में कृप्या करके बताए

makababa ने कहा…

mera name bhim ram kashyap hai mera bhawisy fal bataye

makababa ने कहा…

mera name bhim ram kashyap hai mera bhawisy fal bataye

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