इथोपिया में एक ऐसी जनजाति है, जिसमें खूबसूरत और मनपसंद लड़की से शादी करने के लिए भयंकर लड़ाई लड़ना पड़ती है। इस लड़ाई में शामिल होने से पहले युवक को गाय का ताजा खून भी पीना पड़ता है। इस लड़ाई में जो विजेता होता है, वह सबसे खूबसूरत युवती को पाने का हकदार हो जाता है। विवाह की यह विचित्र परंपरा सूरमा जनजाति में प्रचलित है।
यह जनजाति इथोपिया के दक्षिणी क्षेत्र में ओमो रिवर वैली में रहती है। गर्लफ्रेंड पाने की ख्वाहिश रखने वाले युवक को दूसरे प्रतिस्पर्धी से भयंकर लड़ाई करनी होती है। इस लड़ाई को 'डोंगा' नाम से जाना जाता है। हर साल फसल आने के बाद यह खूनी लड़ाई आयोजित की जाती है। इसमें युवक धारदार हथियार और लाठियों लैस होकर प्रतिद्वंदी से लड़ते हैं।
'डोंगा' लड़ाई शुरु होने से पहले एक विशेष परंपरा निभाई जाती है। लड़ाका युवकों को गाय का ताजा खून पीना पड़ता है। सबसे खूबसूरत गर्लफ्रेंड हासिल करने के लिए इस लड़ाई में युवक काफी घायल हो जाते हैं और कुछ की तो मौत भी हो जाती है। यदि कोई युवक मारा जाता है, तो विजेता मृतक के परिवार को मुआवजा देता है। इसमें 20 गाय या एक लड़की या फिर दोनों दिए जाते हैं।
'डोंगा' विजेता का अधिकार होता है कि वह सबसे खूबसूरत लड़की को चुन सकता है, जिसको लेकर हुज्जत लगाई गई थी। ऐसी लड़ाई जीतने वाले हीरो माने जाते हैं। उन्हें मनपंसद लड़की को चुनने का अधिकार तो होता ही है, दूसरी जनजातियों के बीच भी उनका महत्व बढ़ता है। गाय की रक्त नली से सीधे दो लीटर खून निकाल कर पिलाया जाता है। इसके लिए तीर की नोक खून निकाला जाता है। कई बार युवक खून नहीं पी पाते और उल्टियां कर देते हैं। सूरमा लड़के को एक बार में दो लीटर ब्लड पीना होता है।
रक्त पीने के बाद सूरमा जवान नदी में नहाता है। इसके बाद अपनी बॉडी पर पेंट करता है, ताकि अपनी खूबसूरती और वीरता से युवतियों का ध्यान आकर्षित कर सके। ओमो रिवर वैली में 'डोंगा' लड़ाई सबसे खूबसूरत लड़कियों को अधिक आकर्षित करती है। इन सभी को उम्मीद होती हैं कि सूरमा लड़ाका उन्हें चुनेंगे।
युवतियां अपने गले में नेकलेस पहनती हैं और जीतने पर विजेता के गले में डाल देती है। वह भी बलिदान का चिन्ह लगाती हैं। इसी सूरमा कल्चर का एक महत्वपूर्ण प्रतीक माना जाता है। वह बड़े उत्साह से सज-धज कर इसमें शामिल होती हैं। इस लड़ाई से उन्हें पुरुष मित्र मिल जाता है। वह बेहद कुशल लड़का को अपना हमसफर बनाना पसंद करती हैं।
युवा योद्धा डोंगा मैदान पर बड़े-बड़े ग्रुपों में आते हैं। उनके साथ में एक से बढ़कर एक मजबूत लड़ाके रहते हैं। सभी एक ही गीत,'' मैं हीरो हूं, मुझसे कौन लड़ेगा?" इस पूरी लड़ाई में एक ही शर्त होती है कि जब कोई योद्वा नीचे गिर जाता है, तो उस पर कोई वार नहीं किया जाता। लड़ाई में घायल होने वाले को कोई मुआवजा नहीं मिलता सिर्फ मौत होने की स्थिति में मृतक के परिजन को विजेता की ओर से इसे दिया जाता है।
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