एक शराबी पूरा टून्न हो कर घर जा रहा था! रास्ते में मंदिर के बाहर पुजारी दिखा! शराबी ने पुजारी से पूछा सबसे बड़ा कौन?
उस से पीछा छुड़ाने के लिए पूजारी ने कहा ये मंदिर बड़ा
पुजारी: धरती बड़ी!
शराबी: धरती बड़ी तो शेषनाग पर क्यों खड़ी?
पुजारी: शेषनाग बड़ा!
पुजारी: शिव बड़ा!
शराबी: शिव बड़ा तो पर्वत पर क्यों खड़ा?
पुजारी: पर्वत बड़ा!
शराबी: पर्वत बड़ा तो हनुमान की ऊँगली पर क्यों पड़ा?
पुजारी: हनुमान बड़ा!
शराबी: हनुमान बड़ा तो राम के चरणों में क्यों पड़ा?
पूजारी: राम बड़ा!
शराबी: राम बड़ा तो रावण के पीछे क्यों पड़ा?
पूजारी: अरे मेरे बाप तू बता कौन बड़ा? . . .
शराबी: इस दुनिया में वो बड़ा जो पूरी बोतल पीकर भी अपनी टांगो पर खड़ा!
उस से पीछा छुड़ाने के लिए पूजारी ने कहा ये मंदिर बड़ा
शराबी बोला मंदिर बड़ा तो धरती पर कैसे खड़ा!
पुजारी: धरती बड़ी!
शराबी: धरती बड़ी तो शेषनाग पर क्यों खड़ी?
पुजारी: शेषनाग बड़ा!
शराबी: शेषनाग बड़ा तो शिव के गले में क्यों पड़ा!
पुजारी: शिव बड़ा!
शराबी: शिव बड़ा तो पर्वत पर क्यों खड़ा?
पुजारी: पर्वत बड़ा!
शराबी: पर्वत बड़ा तो हनुमान की ऊँगली पर क्यों पड़ा?
पुजारी: हनुमान बड़ा!
शराबी: हनुमान बड़ा तो राम के चरणों में क्यों पड़ा?
पूजारी: राम बड़ा!
शराबी: राम बड़ा तो रावण के पीछे क्यों पड़ा?
पूजारी: अरे मेरे बाप तू बता कौन बड़ा? . . .
शराबी: इस दुनिया में वो बड़ा जो पूरी बोतल पीकर भी अपनी टांगो पर खड़ा!
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