मानवीय इतिहास में सीरियल किलिंग की घटनाएं काफी पुरानी हैं। सीरियल किलर ठग बहराम से लेकर बिकनी किलर चार्ल्स शोभराज तक अनेकों नाम हमारे सामने हैं। भारत में सीरियल किलिंग की घटनाओं पर प्रस्तुत है एक सीरिज। इसके तहत सबसे पहले हम आपको बता रहे हैं सीरियल किलर ठग बहराम के बारे में-
सीरियल किलर के रूप में ठग बहराम पूरी दुनिया में कुख्यात है। उसका जन्म 1765 में हुआ था। 50 वर्षों के समय में ठग बहराम ने रूमाल के जरिए गला घोंटकर 900 से अधिक लोगों की हत्या की थी। ठग बहराम को 75 वर्ष की उम्र में पकड़ लिया गया। उसने अपना अपराध कबूल कर लिया। बहराम को वर्ष 1840 में फांसी की सजा दी गई।
तत्कालीन अंग्रेजी सरकार में ठगों और डकैतों पर काम करने वाले जेम्स पैटोन ने लिखा है कि बहराम ठग ने वाकई में 931 लोगों को मौत के घाट उतारा है। उसने उनके सामने इन हत्याओं के बारें में स्वीकार भी किया है।
उस के ठग आज के ठगों से अलग थे। वर्तमान में धोखाधड़ी करने वालों को ठग कहा जाता है। पर उस समय ठग बहुत ही खूंखार प्रवृत्ति के होते थे। उनका एक गैंग होता था। ये लोग सूमह में यात्रा कर रहे लोगों के साथ लग जाते थे। उनके बीच में उनके जैसा बन जाते थे। फिर मौका देख कर लोगों की हत्या कर देते और लूट लेते थे।
सीरियल किलर के रूप में ठग बहराम पूरी दुनिया में कुख्यात है। उसका जन्म 1765 में हुआ था। 50 वर्षों के समय में ठग बहराम ने रूमाल के जरिए गला घोंटकर 900 से अधिक लोगों की हत्या की थी। ठग बहराम को 75 वर्ष की उम्र में पकड़ लिया गया। उसने अपना अपराध कबूल कर लिया। बहराम को वर्ष 1840 में फांसी की सजा दी गई।
तत्कालीन अंग्रेजी सरकार में ठगों और डकैतों पर काम करने वाले जेम्स पैटोन ने लिखा है कि बहराम ठग ने वाकई में 931 लोगों को मौत के घाट उतारा है। उसने उनके सामने इन हत्याओं के बारें में स्वीकार भी किया है।
उस के ठग आज के ठगों से अलग थे। वर्तमान में धोखाधड़ी करने वालों को ठग कहा जाता है। पर उस समय ठग बहुत ही खूंखार प्रवृत्ति के होते थे। उनका एक गैंग होता था। ये लोग सूमह में यात्रा कर रहे लोगों के साथ लग जाते थे। उनके बीच में उनके जैसा बन जाते थे। फिर मौका देख कर लोगों की हत्या कर देते और लूट लेते थे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें