सफेद चमड़ी वाले इस भारतीय परिवार ने दुनिया के सबसे बड़े अल्बीनो (वर्णहीन) परिवार होने के साथ विश्व रिकॉर्ड कायम किया है। 50 वर्षीय रोसेटॉरी और 45 वर्षीय मानी के इस पुल्लन परिवार में कुल 10 सदस्य हैं और ये सभी अल्बीनों हैं।
कई वर्षों से आम इंसानों से अलग होने का दंश सहन कर रहे इस परिवार का नाम अब गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होने वाला है।
पुल्लन परिवार के सदस्य विजय (24 वर्षीय), रामकिशन (19 वर्षीय), रेणु (23 वर्षीय), दीपा (21 वर्षीय) और पूजा (18 वर्षीय) को यह बीमारी विरासत में मिली है।
कई वर्षों से आम इंसानों से अलग होने का दंश सहन कर रहे इस परिवार का नाम अब गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होने वाला है।
पुल्लन परिवार के सदस्य विजय (24 वर्षीय), रामकिशन (19 वर्षीय), रेणु (23 वर्षीय), दीपा (21 वर्षीय) और पूजा (18 वर्षीय) को यह बीमारी विरासत में मिली है।
रोसेटॉरी की 23 वर्षीय बेटी रेणु का विवाह 27 वर्षीय रोशेह से हुआ है, जो कि स्वयं वर्णहीनता की बीमारी से पीड़ित है। रेणु और रोशेह का एक पुत्र भी है, जिसे यह बीमारी विरासत में मिली है।
यह परिवार दिल्ली में एक सिंगल बेडरूम फ्लैट में रहता है। इस बीमारी के कारण अधिकतर लोगों के लिए यह विश्वास करना मुश्किल हो जाता है कि ये भारत में ही पैदा हुए हैं।
बकौल 'द सन' रोसेटॉरी अपने रूप के बारे में बताते हैं कि जब भी वो घर से बाहर निकलते हैं तो लोग उन्हें अंग्रेज कहते हैं। रोसेटॉरी कहते हैं "हमारे परिवार के सभी सदस्य जानते हैं कि हम सही तरह से देख नहीं सकते और सूरज की रोशनी में भी ज़्यादा देर नहीं रह सकते, लेकिन फिर भी हम खुश हैं और बेहतर तरीके से जीवन बिताने की कोशिश करते रहते हैं।"
गौरतलब है कि एल्बेनिज्म एक ऐसी बीमारी है जो 17,000 में से किसी एक इंसान को होती है।
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