महाकाल के कोतवाल हैं कालभैरव

महाकाल के कोतवाल हैं कालभैरव


उज्जैन को देवताओं की नगरी कहते हैं। यहां अनेक चमत्कारिक मंदिर हैं। ऐसा ही एक मंदिर है भगवान कालभैरव का। यहां भगवान कालभैरव की प्रतिमा को शराब का भोग लगाया जाता है और आश्चर्य की बात यह है कि देखते ही देखते वह पात्र जिसमें शराब का भोग लगाया जाता है, खाली हो जाता है। यहां रोज श्रृद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है और इस चमत्कार को अपनी आंखों से देखती है।

महाकाल के कोतवाल हैं कालभैरव

भगवान काल भैरव का मंदिर मुख्य शहर से कुछ दूरी पर बना है। धर्म शास्त्रों के अनुसार काल भैरव भगवान शंकर के कोतवाल हैं उसी मान्यता के अनुसार उज्जैन में भी कालभैरव को शहर का रक्षक या कोतवाल माना जाता है। कहा जाता है कि यह मंदिर राजा भद्रसेन द्वारा निर्मित है। पुराणों में जिन अष्टभैरव का वर्णन है, उनमें ये प्रमुख हैं।



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