इस मसाई क्रिकेट में खेल की परिभाषा तो वही है लेकिन वर्दी बदल गई है। केन्या के ये आदिवासी इन दिनों इस खेल की चमक बढ़ाने में लगे हैं।
वहां के लाइकिपिया इलाके के एक छोटे से गांव के रहने वाले ये आदिवासी इस सप्ताह अपना गांव छोड़कर मोम्बासा लेजेंड्स क्रिकेट नर्सरी पहुंचे हैं। जहां इन्हें अपनी पारंपरिक पोशाक के ऊपर पैड और ग्लब्स से लेस होकर बैटिंग-बॉलिंग करते देखा जा सकते है।
अब यह लोग अगले महीने से केपटाउन में होने वाली लास्ट मैन स्टैंडिंग 2012 वर्ल्ड चैंपियनशिप में खेलने की उम्मीद रखते हैं। इस ट्वेंटी-20 लीग में एक टीम में आठ खिलाड़ी खेलेंगे।
इसके साथ ही ये समाज में बाल विवाह के विरोध में प्रचार करेंगे और एड्स के प्रति जागरूकता जगाएंगे।
वहां के लाइकिपिया इलाके के एक छोटे से गांव के रहने वाले ये आदिवासी इस सप्ताह अपना गांव छोड़कर मोम्बासा लेजेंड्स क्रिकेट नर्सरी पहुंचे हैं। जहां इन्हें अपनी पारंपरिक पोशाक के ऊपर पैड और ग्लब्स से लेस होकर बैटिंग-बॉलिंग करते देखा जा सकते है।
अब यह लोग अगले महीने से केपटाउन में होने वाली लास्ट मैन स्टैंडिंग 2012 वर्ल्ड चैंपियनशिप में खेलने की उम्मीद रखते हैं। इस ट्वेंटी-20 लीग में एक टीम में आठ खिलाड़ी खेलेंगे।
इसके साथ ही ये समाज में बाल विवाह के विरोध में प्रचार करेंगे और एड्स के प्रति जागरूकता जगाएंगे।
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