इसी पेड़ से गिरा सेब और न्यूटन को मिला बहुत बड़ा ज्ञान
आप इस सेब के पेड़ को जानते हैं। बचपन में फिजिक्स की किताब में पढ़ा है इसके बारे में।
यही वह पेड़ है जिसने भौतिकी विज्ञान को बहुत बड़ा ज्ञान दिया। गुरूत्वाकर्षण का सिद्धांत। न्यूटन ने इसी पेड़ से गिरते सेब को देखकर सिद्धांत के बारे में सोचना शुरू किया था।
न्यूटन ने सेब के गिरने से प्रेरणा लेने की बात अपने मित्र फ्रेंच दार्शनिक वॉल्टेयर को बताई थी। अन्य लोगों के अलावा न्यूटन ने यह बात अपने एसिस्टेंट जॉन कनड्युट को भी बताई थी जिन्होंने 1726 में इस बात का जिक्र एक पत्र में किया।
इस पत्र में लिखा था- न्यूटन के अंदर गुरूत्वाकर्षण का विचार तब आया जब उन्होंने एक सेब को पेड़ से गिरते देखा।
पेड़ से सेब गिरने की घटना 1666 में हुई थी। सबसे पहले 1752 में छपे अपने बॉयोग्राफी में न्यूटन के दोस्त विलियम स्टुकेले ने इस घटना को लिखा।
एडमंड टर्नर ने 1806 में अपनी किताब, 'ए हिस्टरी ऑफ द टाउन एंड सोक ऑफ ग्रांथम' में लिखा कि- वह सेब का पेड़ अभी भी है जिसे लोग देखने आते हैं।
उस पेड़ का रेखाचित्र एडमंड टर्नर के भाई चार्ल्स टर्नर ने 1820 में बनाई जो यह बताती है कि लिंकोनशायर के वुल्सथोर्प मैनर हाउस के पास वह सेब का पेड़ है। इसी घर में न्यूटन का जन्म हुआ था।
हलांकि न्यूटन ने यह नहीं बताया था कि किस पेड़ से सेब गिरते उन्होंने देखा था। लेकिन, वुल्सथोर्फ मैनर हाउस के पास सिर्फ एक ही सेब का पेड़ था इसलिए इसमें किसी को शक नहीं रहा कि यही वह पेड़ था।
इस पेड़ की रखवाली 1733 से 1947 तक मैनर हाउस में रहनेवाले वूलरटन फैमिली करती रही। अब यह जगह इंग्लैंड के नेशनल ट्रस्ट के पास है।
उस सेब के पेड़ को वीडियो में देखिएः-
यही वह पेड़ है जिसने भौतिकी विज्ञान को बहुत बड़ा ज्ञान दिया। गुरूत्वाकर्षण का सिद्धांत। न्यूटन ने इसी पेड़ से गिरते सेब को देखकर सिद्धांत के बारे में सोचना शुरू किया था।
न्यूटन ने सेब के गिरने से प्रेरणा लेने की बात अपने मित्र फ्रेंच दार्शनिक वॉल्टेयर को बताई थी। अन्य लोगों के अलावा न्यूटन ने यह बात अपने एसिस्टेंट जॉन कनड्युट को भी बताई थी जिन्होंने 1726 में इस बात का जिक्र एक पत्र में किया।
इस पत्र में लिखा था- न्यूटन के अंदर गुरूत्वाकर्षण का विचार तब आया जब उन्होंने एक सेब को पेड़ से गिरते देखा।
पेड़ से सेब गिरने की घटना 1666 में हुई थी। सबसे पहले 1752 में छपे अपने बॉयोग्राफी में न्यूटन के दोस्त विलियम स्टुकेले ने इस घटना को लिखा।
एडमंड टर्नर ने 1806 में अपनी किताब, 'ए हिस्टरी ऑफ द टाउन एंड सोक ऑफ ग्रांथम' में लिखा कि- वह सेब का पेड़ अभी भी है जिसे लोग देखने आते हैं।
उस पेड़ का रेखाचित्र एडमंड टर्नर के भाई चार्ल्स टर्नर ने 1820 में बनाई जो यह बताती है कि लिंकोनशायर के वुल्सथोर्प मैनर हाउस के पास वह सेब का पेड़ है। इसी घर में न्यूटन का जन्म हुआ था।
हलांकि न्यूटन ने यह नहीं बताया था कि किस पेड़ से सेब गिरते उन्होंने देखा था। लेकिन, वुल्सथोर्फ मैनर हाउस के पास सिर्फ एक ही सेब का पेड़ था इसलिए इसमें किसी को शक नहीं रहा कि यही वह पेड़ था।
इस पेड़ की रखवाली 1733 से 1947 तक मैनर हाउस में रहनेवाले वूलरटन फैमिली करती रही। अब यह जगह इंग्लैंड के नेशनल ट्रस्ट के पास है।
उस सेब के पेड़ को वीडियो में देखिएः-
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