दुनिया का सबसे बोरिंग दिन


दुनिया का सबसे बोरिंग दिन

अपने अपने आसपास दुनिया के सबसे बोरिंग लोग तो देखे होंगे, लेकिन क्या आपको पता है कि दुनिया का सबसे बोरिंग दिन कौन सा है? 

 नहीं पता, चलो जान लीजिए। 

वह दिन है 11 अप्रैल, 1954, इस दिन कुछ भी विशेष नहीं हुआ था, शोधकर्ता इसे 20वीं सदी का सबसे बोरिंग दिन मान रहे हैं। इससे पहले उस दिन को सबसे बोरिंग दिन के रूप में चिन्हित किया गया था, जिस दिन बीबीसी रेडियो के पास समाचार नहीं थे, समाचार वाचक रेडियो पर आया और उसने उद्घोषणा की कि आज कोई समाचार नहीं है ! 

परंतु अब शोधकर्ताओं ने 11 अप्रैल, 1954 को सर्वाधिक बोरिंग दिन के रूप में मान्यता दी है। अब आप सोच रहे होंगे कि किस पैमाने से यह तय किया गया कि यही दिन सबसे बोरिंग है. चलिए आपको वह तकनीक भी बताते हैं. हर दिन कोई न कोई घटना होती रहती है, परंतु माना गया कि 1954 के अप्रैल माह की 11 तारीख को कुछ भी विशेष नहीं हुआ था। 

शोधकर्ताओं ने इसके लिए 30 करोड़ महत्वपूर्ण घटनाओं को एक विशेष कंप्यूटर शोध कार्यक्रम में डाला और गणना की, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के विलियम टनस्टाल द्वारा विकसित किए गए इस सॉफ्टवेयर ने पता लगाया कि 11 अप्रैल, 1954 को 2-3 छोटी-मोटी घटनाओं को छोड़कर कुछ भी विशेष नहीं हुआ. इस दिन बेल्जियम में चुनाव हुए थे, तुर्की के एक बुद्धिजीवी का जन्म हुआ था और जैक शफलबोटम नामक फुटबॉल खिलाड़ी का निधन हुआ था। इसके अलावा इस दिन कुछ नहीं हुआ। हालांकि कहने वाले इन्हें भी खास घटनाएं मान सकते हैं, लेकिन शोधकर्ताओं का कुछ और ही सोचना है।

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