आहार की शुद्धि से सत्त्व की शुद्धि


सात्त्विकराजसिक तथा तामसिक भोजन

से होता है तदनुसार स्वभाव का निर्माण

आहार शुद्धौ सत्त्वशुद्धिः सत्त्वशुद्धौ ध्रुवा स्मृतिः।
'आहार की शुद्धि से सत्त्व की शुद्धि होती है। सत्त्व की शुद्धि से बुद्धि निर्मल और निश्चयी बन जाती है। पवित्र और निश्चयी बुद्धि से मुक्ति भी सुलभता से प्राप्त होती है।'
खाये हुए भोजन से ही रस व रक्त की उत्पत्ति होती है। इनमें वे ही गुण आते हैं जो गुण हमारे भोजन के थे। भोजन हमारे मन, बुद्धि, अन्तःकरण के निर्माण में सहायक हैं। जो व्यक्ति मांस, शराब और उत्तेजक भोजन करते हैं वे संयम से किस प्रकार रह सकते हैं ? वे शुद्ध बुद्धि का विकास कैसे कर सकते हैं और वे दीर्घायु कैसे हो सकते हैं ? भगवान श्रीकृष्ण ने श्रीमद् भगवद् गीता में सत्त्वगुण, रजोगुण और तमोगुण उत्पन्न करने वाले भोजनों की सुन्दर व्याख्या की है। जिस व्यक्ति का जैसा भोजन होगा, उसका आचरण भी तदनुकूल होता जायगा। भोजन से हमारी इन्द्रियाँ और मन संयुक्त हैं। सात्त्विक, सौम्य आहार करने वाले व्यक्ति अध्यात्म मार्ग में दृढ़ता से अग्रसर होते हैं। परमात्मपथ में उन्नति करने के इच्छुकों को, पवित्र विचार और अपनी इन्द्रियों को वश में रखने वाले तथा ईश्वरीय तेज प्राप्त करने वाले अभ्यासियों को सात्त्विक आहार करना चाहिए।
आयुः सत्त्वबलारोग्यसुखप्रीतिविवर्धनाः।
रस्याः स्निग्धाः स्थिरा हृद्याआहाराःसात्त्विकप्रियाः।।
'आयु, बुद्धि, बल, आरोग्य, सुख और प्रीति को बढ़ाने वाले रसयुक्त, चिकने और स्थिर रहने वाले तथा स्वभाव से ही मन को प्रिय – ऐसे आहार अर्थात् भोजन करने के पदार्थ सात्त्विक पुरूष को प्रिय होते हैं।'
(गीताः 17.8)
जो अन्न बुद्धिवर्धक हो, वीर्यरक्षक हो, उत्तेजक न हो, तमोगुणी न हो, कब्ज न करे, सुपाच्य हो वह सत्त्वगुणयुक्त आहार है। हरे ताजे शाक, अनाज-गेहूँ, चावल आदि, दालें, दूध, शुद्ध घी, मक्खन, बादाम, सन्तरे, सेव, अंगूर, केले, अनार, मौसमी इत्यादि सात्त्विक आहार हैं। सात्त्विक भोजन से शरीर में स्फूर्ति रहती है चित्त निर्मल रहता है। सात्त्विक भोजन करने वाले व्यक्ति चिंतनशील और मधुर स्वभाव के होते हैं। उन्हें अधिक विकार नहीं सताते। उनके शरीर के आतंरिक अवयवों में विष एकत्रित नहीं होते। जहाँ अधिक भोजन करने वाले, दिन में सोनेवाले व्यक्ति अजीर्ण, सिरदर्द, कब्ज, सुस्ती से परेशान रहते हैं वहीं परिमित भोजन करने वालों को ये रोग तो नहीं ही होते साथ ही उनके आन्तरिक अवयव शरीर में एकत्रित होने वाले कूड़े कचरे को बाहर फेंकते रहते हैं, उनके शरीरों में विष-संचय नहीं होता। हमारे ऋषियों ने अधिक खाये हुए अन्न, पदार्थ को पचाने और उदर को विश्राम देने के लिए उपवास की व्यवस्था की है। उपवास से काम, क्रोध, रोगादि फीके पड़ जाते हैं और मन में राजसी, तामसी विचार स्थान नहीं लेते। अमावस्या, एकादशी, पूनम का उपवास हितकारी है। इन दिनों में निराहार रहें अथवार तो दूध या फलों का सेवन करें। दूध-फल भी अधिक मात्रा में न हों। इससे जिह्वा पर नियंत्रण तो होता ही है साथ ही संकल्प-सामर्थ्य भी बढ़ता है। केला कफ भी करता है, मोटापा भी लाता है। अतः मोटे व्यक्ति सावधान ! अपनी अवस्था, प्रकृति, ऋतु तथा रहन-सहन के अनुसार विचारकर शीघ्र पचने वाला सात्त्विक भोजन ही करना चाहिए।
कट्वम्ललवणात्युष्णतीक्ष्णविदाहिनः। आहारा राजसस्येष्टा दुःखशोकामप्रयदाः।।
यातयामं गतरसं पूति पर्युषितं च यत्। उच्छिष्टमपि चामेध्यं भोजनं तामसप्रियम्।।
'कड़वे, खट्टे, लवणयुक्त, बहुत गरम, तीखे, रूखे, दाहकारक और दुःख, चिन्ता तथा रोगों को उत्पन्न करने वाले आहार अर्थात् भोजन करने के पदार्थ राजस पुरूष को प्रिय होते हैं। जो भोजन अधपका, रसरहित, दुर्गन्धयुक्त, बासी और जूठा है तथा जो अपवित्र भी है वह भोजन तामस पुरूष को प्रिय होता है।'
(गीताः 17.9,20)
 
राजसी आहार करने वाले व्यक्ति यह भूल जाते हैं कि उत्तेजक भोजन करने से साधन-भजन, स्वाध्याय का संयम बिखर जाता है। हमारे द्वारा प्रयुक्त भोजन का तथा हमारे विचारों का घनिष्ठ सम्बन्ध है। भोजन हमारे स्वभाव, रूचि तथा विचारों का निर्माता है। यदि भोजन सात्त्विक है तो मन में उत्पन्न होने वाले विचार पवित्र होंगे। इसके विपरीत राजसी, तामसी भोजन करने वालों के विचार अशुद्ध, विलासी तथा विकारमय होंगे। जिन लोगों के भोजन में मांस, अण्डे, लहसुन, प्याज, मदिरा इत्यादि प्रयोग किये जाते हैं, जो प्रदोषकाल में भोजन और मैथुन करते हैं, वे लोग प्रायः कलुषित विचारों से घिरे रहते हैं, उनका जीवन पतन की ओर अग्रसर हो जाता है। मैथुन के लिए पर्व भी प्रदोषकाल माना गया है। भोजन का प्रभाव प्रत्येक जीव पर पड़ता है। पशुओं को लीजिए – बैल, गाय, भैंस, घोड़े, गधे, बकरी, हाथी इत्यादि शारीरिक श्रम करने वाले पशुओं का मुख्य भोजन घास-चारा आदि ही है। फलतः वे सहनशील, शांत व मृदु होते हैं। इसके विपरीत सिंह, चीते, भेड़िये, बिल्ली इत्यादि मांसभक्षी जीव चंचल, उग्र, क्रोधी और उत्तेजक स्वभाव के बन जाते हैं। इसी प्रकार राजसी, तामसी भोजन करने वाले व्यक्ति कामी, क्रोधी, झगड़ालू व अशिष्ट होते हैं। वे सदा आलस्य, कलह, निंदा में डूबे रहते हैं, दिन रात में आठ-दस घण्टे तो वे सोकर ही नष्ट कर देते हैं। राजसी –तामसी भोजन से मन विक्षुब्ध होता है, विषय वासना में लगता है। शास्त्रों में प्याज तथा लहसुन वर्जित हैं। ये दोनों स्वास्थ्यप्रद होते हुए भी सात्त्विक व्यक्तियों के लिए वर्जित हैं। इसका प्रमुख कारण यह है कि ये उत्तेजना उत्पन्न करते हैं। मदिरा, अण्डे, मांस-मछली, मछलियों के तेल, तम्बाकू, गुटखा, पान-मसाला इत्यादि तामसी वृत्ति तो उत्पन्न करते ही हैं, साथ ही अनेकानेक रोगों के कारण भी बनते हैं। फास्टफूड जैसे नूडल्स, पिज्जा, बर्गर, बन, चायनीज डिशेज, ब्रेड आदि का सेवन न करें। जैम, जैल मार्मलेड, चीनी, आइसक्रीम, पुडिंग, पेस्ट्री केक, चॉकलेट तथा बाजारू मिठाइयों से दूर रहें। तली भुनी चीजें जैसे – पूरी, परांठा, पकौड़ा, भजिया, समोसा आदि न खायें। खटाई, मिर्च-मसालों का प्रयोग कम  से कम करें। बासी भोजन, अधिक छौंक लगाये हुए भोजन, पनीर व मशरूम आदि न खायें। चाय, काफी और मादक न नशीले पदार्थों का सेवन कतई न करें। साफ्ट ड्रिंक्स न पीयें न पिलायें। इनकी जगह आप ताजे फलों का रस, नींबू मिला पानी, नारियल पानी, लस्सी, छाछ या शरबत लें।
भोजन में सुधार करना शारीरिक कायाकल्प करने का प्रथम मार्ग है। जो व्यक्ति जितनी शीघ्रता से दोषयुक्त आहार से बचकर सात्त्विक आहार करने वाले हो जायेंगे, उनके शरीर दीर्घकाल तक सुदृढ़, पुष्ट और स्फूर्तिमान बने रहेंगे। क्षणिक जिह्वासुख को न देखकर भोजन से शरीर, मन और बुद्धि का जो संयोग है उसे सामने रखना चाहिए। जब तक अन्न शुद्ध नहीं होगा, अन्य धार्मिक, नैतिक या सामाजिक कृत्य सफल नहीं होंगे। अन्नशुद्धि हेतु आवश्यक है कि अन्न शुद्ध कमाई के पैसे का हो। झूठ, कपट, छल, बेईमानी आदि न हो – इस प्रकार की आजीविका से उपार्जित धन से जो अन्न प्राप्त होता है वही शुद्ध अन्न है। यह बात भी ध्यान रखने योग्य है कि जिस पात्र में उस भोज्य वस्तु को तैयार किया जाये, वह पात्र शुद्ध हो और जो व्यक्ति भोजन बनाये वह भी स्वच्छ, पवित्र और प्रसन्न मनवाला होना चाहिए।

life taught me

Written by Ms.Regina Brett, 90 years old, of the Plain Dealer, Cleveland , Ohio. 

 Here is the column once more:

1. Life isn't fair, but it's still good.
2. When in doubt, just take the next small step.
3. Life is too short to waste time hating anyone.
4. Your job won't take care of you when you are sick. Your friends and parents will. Stay in touch.
5. Pay off your credit cards every month.
6. You don't have to win every argument. Agree to disagree.
7. Cry with someone. It's more healing than crying alone.
8. It's OK to get angry with God. He can take it.
9. Save for retirement starting with your first paycheck.
10. When it comes to chocolate, resistance is futile.
11.Make peace with your past so it won't screw up the present.
12. It's OK to let your children see you cry.
13. Don't compare your life to others. You have no idea what their journey is all about.
14. If a relationship has to be a secret, you shouldn't be in it.
15. Everything can change in the blink of an eye. But don't worry; God never blinks.
16.. Take a deep breath. It calms the mind.
17. Get rid of anything that isn't useful, beautiful or joyful.
18. Whatever doesn't kill you, really does make you stronger.
19. It's never too late to have a happy childhood. But the second one is up to you and no one else.
20. When it comes to going after what you love in life, don't take no for an answer.
21. Burn the candles, use the nice sheets, wear the fancy lingerie. Don't save it for a special occasion. Today is special.
22. Over prepare, then go with the flow.
23. Be eccentric now. Don't wait for old age to wear purple.
24. The most important sex organ is the brain.
25. No one is in charge of your happiness but you.
26. Frame every so-called disaster with these words 'In five years, will this matter ?
27. Always choose life.
28. Forgive everyone everytime.
29. What other people think of you is none of your business.
30. Time heals almost everything. Give time time.
31. However good or bad a situation is, it will change.
32. Don't take yourself so seriously. No one else does.
33. Believe in miracles.
34. God loves you because of who God is, not because of anything you did or didn't do.
35. Don't audit life. Show up and make the most of it now.
36. Growing old beats the alternative -- dying young.
37. Your children get only one childhood.
38. All that truly matters in the end is that you loved.
39. Get outside every day. Miracles are waiting everywhere.
40. If we all threw our problems in a pile and saw everyone else's, we'd grab ours back
41. Envy is a waste of time. You already have all you need.
42. The best is yet to come.
43. No matter how you feel, get up, dress up and show up.
44. Yield.
45. Life isn't tied with a bow, but it's still a gift.

आहार की शुद्धि


आहारशुद्धो सत्त्वशुद्धिः सत्त्व शुद्धो ध्रुवा स्मृतिः
स्मृतिलम्भे सर्वग्रन्थीनां विप्रमोक्षः।
'आहार की शुद्धि से सत्त्व की शुद्धि होती है, सत्त्वशुद्धि से बुद्धि निर्मल और निश्चयी बन जाती है। फिर पवित्र एवं निश्चयी बुद्धि से मुक्ति भी सुगमता से प्राप्त होती है।'
(छान्दोग्योपनिषद् 7.26.2)
दाहिने स्वर भोजन करे, बाँये पीवै नीर।
ऐसा संयम जब करै, सुखी रहे शरीर।।
बाँयें स्वर भोजन करे, दाहिने पीवे नीर।
दस दिन भूखा यों करै, पावै रोग शरीर।।
शीतल जल में डालकर सौंफ गलाओ आप।
मिश्री के सँग पान कर मिटे दाह-संताप।।
सौंफ इलायची गर्मी में, लौंग सर्दी में खाय।
त्रिफला सदाबहार है, रोग सदैव हर जाय।।
वात-पित्त जब-जब बढ़े, पहुँचावे अति कष्ट।
सोंठ, आँवला, द्राक्ष संग खावे पीड़ा नष्ट।।
नींबू के छिलके सुखा, बना लीजिये राख।
मिटै वमन मधु संग ले, बढ़ै वैद्य की साख।।
स्याह नौन हरड़े मिला, इसे खाइये रोज।
कब्ज गैस क्षण में मिटै, सीधी-सी है खोज।।
खाँसी जब-जब भी करे, तुमको अति बैचेन।
सिंकी हींग अरु लौंग से मिले सहज ही चैन।।
छल प्रपंच से दूर हो, जन-मङ्गल की चाह।
आत्मनिरोगी जन वही गहे सत्य की राह।।

CARDBOARD SCULPTURES OF MARK LANAGAN


Mark is an artist in Ohio, USA who has mastered the art of novel recycling. Last few years he has focused 
on turning used corrugated cardboard coming
in shipping boxes and containers into a new
life form as artistic sculptures. His materials
and toolings are simple, thrown away 
corrugated boxes, non-toxic glue, a 
razor knife, a cutting edge, mat 
and his own artistic brain. 










Top 10 Productivity Hacks

Top 10 Productivity Hacks
 

We all need a productivity boost now and then — sometimes throughout the day. We each want to be productive for very personal reasons — to accomplish more, to make more money, to get done earlier to make more time for our personal lives, to accomplish our goals.

But whatever the reason, these Productivity Hacks will do the trick. Here they are, in reverse order.


#10: Take care of your Most Important Things first. Your Most Important Things for the day — the things you most need to accomplish that day — should take priority over everything else. However, we all know that fires come up throughout the day, interruptions through phone calls and email and people dropping by, new demands that will push the best-laid plans aside. If you put off your MITs until later in the day, you will end up not doing them much of the time.

# 9: Wake up early. Decide what you’d like to accomplish each morning, and build your morning routine around that. Like to exercise? Put that in there. Healthy breakfast? Go for it. Check email? Fine. The mornings are a fresh start, peaceful and free of ringing phones and constant email notifications. If you get your Most Important Things done in the morning, the rest of the day is just gravy.

# 8: Simplify information streams, crank through blogs & email. Think about all the information you receive (email, blogs, newsletters, mailing lists, magazines, newspapers and more) and edit brutally. You will drastically reduce the time you spend reading. For everything else that begins to come in after your editing process, ask yourself if you really need to be getting that information regularly. Most of the time the answer is no. Now, after this process, you should be left with less to read. Here’s the next step: crank through it all, really only reading the really interesting ones.

# 7: Declutter your workspace; work on one thing at a time. The decluttering your work space part of it is simply to remove all extra distractions, on your desk and on your computer. If you’ve got a clean, simplified workspace, you can better focus on the task at hand.

# 6: Get to work early; work fewer hours. My best days come when I get into work early, and begin my work day in the quiet morning hours, before the phones start ringing and the din of the office begins it crescendo to chaos. It is so peaceful, and I can work without interruption or losing focus. I often find that I get my MITs done before anyone comes in, and then the rest of the day is dealing with whatever comes up (or even better: getting ahead for the next day).

# 5: Avoid meetings; when you must meet, make it effective. I find it best to say no to meetings up front. I just say, “Sorry, I can’t make it. I’m tied up with a project right now.” And that’s always true. I’ve always got projects I’m working on that are more important than a meeting.

# 4: Avoid unnecessary work. If we just do any work that comes our way, we can be cranking out the tasks, but not be productive at all. You’re only productive if you are doing work that moves you towards a goal. Eliminate non-essential tasks from your to-do lists, and start to say no to new requests that are non-essential.

# 3: Do the tough tasks first. You know what those tasks are. What have you been putting off that you know you need to do? Sometimes when you put things off, they end up being things you don’t really need to do. But sometimes they are things you just gotta do. Those are your tough tasks.

# 2: Work off-line as much as possible. To increase your productivity, disconnect your Internet connection. Have scheduled times when you’re going to check your email, and only let yourself check your blogs or surf the web when you’ve gotten a certain amount done. When you do go online, do it on a timer. When the timer goes off, unplug again until the next scheduled time.

# 1: Do something you’re passionate about. This might not seem like the normal productivity tip, but give it a thought: if you really want to do something, you’ll work like hell to get it done. You’ll work extra hard, you’ll put in even more hours, and you’re less likely to procrastinate. It’s for work that you don’t really care about that you procrastinate. Read the full post for tips on how to find your dream job and do work you truly care about. 

How to Improve Your Memory


How to Improve Your Memory & Exercise Your Brain



Everyone can take steps to improve their memory, and with time and practice most people can gain the ability to memorize seemingly impossible amounts of information. Whether you want to win the World Memory Championships, ace your history test, or simply remember where you put your keys, this article can get you started. Scientists believe that exercising your brain can create a ‘cognitive reserve’ that will help you stay sharp as you age.

1. Convince yourself that you do have a good memory that will improve. Too many people get stuck here and convince themselves that their memory is bad, that they are just not good with names, that numbers just slip out of their minds for some reason. Erase those thoughts and vow to improve your memory. Commit yourself to the task and bask in your achievements — it’s hard to keep motivated if you beat yourself down every time you make a little bit of progress.

2. Keep your brain active. The brain is not a muscle, but regularly “exercising” the brain actually does keep it growing and spurs the development of new nerve connections that can help improve memory. By developing new mental skills—especially complex ones such as learning a new language or learning to play a new musical instrument—and challenging your brain with puzzles and games you can keep your brain active and improve its physiological functioning.

3. Exercise daily. Regular aerobic exercise improves circulation and efficiency throughout the body, including in the brain, and can help ward off the memory loss that comes with aging. Exercise also makes you more alert and relaxed, and can thereby improve your memory uptake, allowing you to take better mental “pictures.”

4. Reduce stress. Chronic stress, although it does not physically damage the brain, can make remembering much more difficult. Even temporary stresses can make it more difficult to effectively focus on concepts and observe things. Try to relax, regularly practice yoga or other stretching exercises, and see a doctor if you have severe chronic stress.

5. Eat well and eat right. There are a lot of herbal supplements on the market that claim to improve memory, but none have yet been shown to be effective in clinical tests (although small studies have shown some promising results for ginkgo biloba and phosphatidylserine). A healthy diet, however, contributes to a healthy brain, and foods containing antioxidants—broccoli, blueberries, spinach, and berries, for example—and Omega-3 fatty acids appear to promote healthy brain functioning. Feed your brain with such supplements as Thiamine, Vitamin E, Niacin and Vitamin B-6. Grazing, eating 5 or 6 small meals throughout the day instead of 3 large meals, also seems to improve mental functioning (including memory) by limiting dips in blood sugar, which may negatively affect the brain.

6. Take better pictures. Often we forget things not because our memory is bad, but rather because our observational skills need work. One common situation where this occurs (and which almost everyone can relate to) is meeting new people. Often we don’t really learn people’s names at first because we aren’t really concentrating on remembering them. You’ll find that if you make a conscious effort to remember such things, you’ll do much better. One way to train yourself to be more observant is to look at an unfamiliar photograph for a few seconds and then turn the photograph over and describe or write down as many details as you can about the photograph. Try closing your eyes and picturing the photo in your mind. Use a new photograph each time you try this exercise, and with regular practice you will find you’re able to remember more details with even shorter glimpses of the photos.

7. Give yourself time to form a memory. Memories are very fragile in the short-term, and distractions can make you quickly forget something as simple as a phone number. The key to avoid losing memories before you can even form them is to be able to focus on the thing to be remembered for a while without thinking about other things, so when you’re trying to remember something, avoid distractions and complicated tasks for a few minutes.

8. Create vivid, memorable images. You remember information more easily if you can visualize it. If you want to associate a child with a book, try not to visualize the child reading the book – that’s too simple and forgettable. Instead, come up with something more jarring, something that sticks, like the book chasing the child, or the child eating the book. It’s your mind – make the images as shocking and emotional as possible to keep the associations strong.

9. Repeat things you need to learn. The more times you hear, see, or think about something, the more surely you’ll remember it, right? It’s a no-brainer. When you want to remember something, be it your new coworker’s name or your best friend’s birthday, repeat it, either out loud or silently. Try writing it down; think about it.

10. Group things you need to remember. Random lists of things (a shopping list, for example) can be especially difficult to remember. To make it easier, try categorizing the individual things from the list. If you can remember that, among other things, you wanted to buy four different kinds of vegetables, you’ll find it easier to remember all four.

11. Organize your life. Keep items that you frequently need, such as keys and eyeglasses, in the same place every time. Use an electronic organizer or daily planner to keep track of appointments, due dates for bills, and other tasks. Keep phone numbers and addresses in an address book or enter them into your computer or cell phone. Improved organization can help free up your powers of concentration so that you can remember less routine things. Even if being organized doesn’t improve your memory, you’ll receive a lot of the same benefits (i.e. you won’t have to search for your keys anymore).

12. Try meditation. Research now suggests that people who regularly practice “mindfulness” meditation are able to focus better and may have better memories. Mindfulness (also known as awareness or insight meditation) is the type commonly practiced in Western countries and is easy to learn. Studies at Massachusetts General Hospital show that regular meditation thickens the cerebral cortex in the brain by increasing the blood flow to that region. Some researchers believe this can enhance attention span, focus, and memory.

13. Sleep well. The amount of sleep we get affects the brain’s ability to recall recently learned information. Getting a good night’s sleep – a minimum of seven hours a night – may improve your short-term memory and long-term relational memory, according to recent studies conducted at the Harvard Medical School.

14. Build your memorization arsenal. Learn pegs, memory palaces, and the Dominic System. These techniques form the foundation for mnemonic techniques, and will visibly improve your memory.

15. Venture out and learn from your mistakes. Go ahead and take a stab at memorizing the first one hundred digits of pi, or, if you’ve done that already, the first one thousand. Memorize the monarchs of England through your memory palaces, or your grocery list through visualization. Through diligent effort you will eventually master the art of memorization.

apple seeds contain cyanide



The seeds of apples, also known as “pips”, contain a sugar/cyanide compound called “amygdalin”, which turns into hydrogen cyanide when it is metabolized in your body. Hydrogen cyanide was one of the key ingredients to Zyklon B, the trade name of the pesticide used by the Nazis in their gas chambers.
Other fruit seeds that also have cyanogenic glycosides are cherries, peaches, certain almonds, plums, apricots, raspberries, and pears. (“Cyanogenic glycosides” are just molecules in which sugar is bound to a smaller non-carbohydrate molecule, in this case cyanide.)  Tapioca, also known as cassava root, is another plant that contains a cyanide precursor, namely linamarin.  If the roots aren’t processed correctly (drying, soaking, and baking them for a certain amount of time), they are extremely poisonous.
It takes only about 100-200 mg of cyanide, when eaten, or about 270 parts per million, when breathed in, to be fatal to an adult within a few minutes (about .68 mg per pound of body weight); obviously much less cyanide is needed to be fatal to children or pets.  Before you go panicking after accidentally swallowing an apple seed, you should know that ingesting a few seeds won’t kill you.  The human body is perfectly capable of handling very small doses of cyanide.  This is lucky for tobacco smokers; when a person smokes a cigarette, they’re breathing in low doses of hydrogen cyanide, which is then processed by the liver so that it can’t accumulate to sufficient amounts to cause major problems.

घुसपैठियों से दमखम के साथ निपटती हैं चीटियां

लाल चीटियां अपने घरौंदों को बचाने में बहुत माहिर होती हैं और जब कोई विदेशी उन पर हमला करता है तो उस शत्रु से बचाने के लिये वे बहुत समन्वित होकर आक्रामक तरीके से जवाब देती हैं। 
     
नेचरविस्सेनशाफ्टेन जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में उष्ण कटिबंधीय लाल चीटियों ओइकोफायला स्मेरैगदीना (लाल चीटियां या मटा) के व्यवहार के बारे में बताया गया है। ये चीटियां सामाजिक कीट कहलाती जो अपना घोंसला बनाने के लिये पेड़ के पत्तियों की एक तरह से सिलाई करती हैं। इसी खासियत की वजह से इन्हें वीवर चीटियां कहा जाता है।
     
ये लाल चीटियां उत्तरी आस्ट्रेलिया, भारत, अफ्रीका और दक्षिण पूर्व एशिया में पाई जाती हैं। इस अध्ययन से खुलासा हुआ है कि ये लाल चीटियां विरोधियों का पता लगाने के लिये अपनी यादों का सहारा लेती हैं। यह उसी तरह से है जैसे कि खेल प्रेमी एक दूसरे को टीम के रंग से पहचानते हैं। ये चीटियां दूर के लोगों की अपेक्षा अपने पड़ोसियों के प्रति ज्यादा आक्रामक होती हैं। 
     
अध्ययन के अनुसार, अपने घरौंदों को बचाने में ये चींटियां बहुत माहिर होती हैं। उनकी कॉलोनियों पर जब हमला होता है या कोई शत्रु वहां पहुंचता है तो ये चींटियां बहुत ही समन्वित तरीके से हमले का जवाब देती हैं। 

स्वस्थ मधुमक्खी बस्तियों के लिए रानी को चाहिए स्वच्छंद संभोग

मधुमक्खियों की घटती आबादी को रोकने के लिए किए गए एक अध्ययन में पाया गया है कि मधुमक्खियों की बस्ती के स्वस्थ होने में उनकी महारानी का बेहद स्वच्छंद संभोगी होना जरूरी होता है।
 अमेरिका के मैसेचुसेट्स में वेलेसली कॉलेज के अनुसंधानकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया कि महारानी मधुमक्खी के स्वच्छद संभोगी व्यवहार से अनुवांशिक तौर पर विविध कामगार मधुमक्खियों की आबादी तैयार होती है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि इससे उनकी बस्तियों का स्वास्थ्य बेहतर होता है। उनका कहना है कि इस खोज का इस्तेमाल मधुमक्खियों की कम होती संख्या को रोकने के लिए किया जा सकता है। मधुमक्खियां दुनियाभर में 400 से ज्यादा फसलों का परागण करती हैं और हमारे भोजन के एक तिहाई भाग में योगदान देती हैं।

परिवार की रोगों से रक्षा करता है शीतलाष्टमी व्रत

शीतलाष्टमी चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनायी जाती है। इसमें शीतला माता का व्रत और पूजन किया जाता है। शीतला अष्टमी व्रत को करने से व्यक्ति के सारे परिवार में दाह ज्वर, पीत ज्वर, दुर्गन्ध से युक्त फोड़े, आंखों के सारे रोग, माता की फुंसियों के निशान तथा शीतलाजनित सारे दोष ठीक हो जाते हैं।
इस दिन प्रात:काल स्नान आदि करके श्रद्धा-भक्ति और विधि सहित शीतला देवी की पूजा की जाती है। इसके बाद एक दिन पहले तैयार किए बासी खाने का भोग लगाया जाता है। भोग लगाकर आनंद-मंगल की कामना की जाती है। यह दिन महिलाओं के विश्राम का भी दिन कहा जाता है, क्योंकि इस दिन घर में चूल्हा नहीं जलाया जाता। इस व्रत को रखने से शीतला देवी प्रसन्न होती हैं।
शीतला माता की कथा
एक गांव में एक स्त्री रहती थी। वह बसौड़े अर्थात् शीतलाष्टमी की पूजा करती और ठंडा भोजन लेती थी। गांव में यह स्त्री ही केवल व्रत रखती थी। एक समय गांव में आग लग गई, जिसमें उस स्त्री का घर छोड़कर बाकी सबके सब घर जल गए। इससे सबको बहुत आश्चर्य हुआ। गांव के सब लोगों ने उस स्त्री से इस चमत्कार का राज पूछा। उस स्त्री ने गांव के लोगों से कहा कि मैं तो बसौड़ा के दिन ठंडा भोजन लेती हूं और शीतला माता का पूजन करती हूं। आप लोग यह कार्य तो करते नहीं हैं। इससे मेरा घर नहीं जला और आप सबके घर जल गए। तब से बसौड़े के दिन सारे गांव में शीतला माता का पूजन आरंभ हो गया।
शीतला स्तोत्र में शीतला का जो स्वरूप बतलाया है, वह माता के रोगी के लिए बहुत मददगार है। इसमें कहा गया है कि शीतला दिगम्बरा हैं, गर्दभ पर सवार रहती हैं। सूप (छाज) झाड़ (माजर्नी) और नीम के पत्तों से अलंकृत हैं और हाथ में शीतल जलघट उठाए हुए हैं।
आमतौर में शीतला रोग के आक्रमण के समय रोगी दाह से निरंतर पीड़ित रहता है। अत: इसे शीतलता की बहुत आवश्यकता रहती है। गर्दभ पिण्डी (गधे की लीद) की गंध से फोड़ों की पीड़ा कम हो जाती है। साफ-सफाई के काम आने वाली वस्तु जैसे झाड़ लगाने से रोग में वृद्धि होती है। अत: इन कार्यों को बिल्कुल नहीं करना चाहिए। केवल सूप और झाड़ रोगी के पास रख दें। नीम के पत्तों से शीतला के फोड़े सड़ते नहीं हैं और जलघट भी उसके पास रखना आवश्यक है।
इस व्रत में रसोई की दीवार पर हाथ की 5 अंगुली घी से लगाई जाती हैं। इस पर रोली तथा चावल लगाकर देवी माता के गीत गाते हैं। इसके साथ शीतला स्तोत्र तथा कहानी सुनी जाती है। रात में जोत भी जलाई जाती है। एक थाली में बासी भोजन रखकर परिवार के सारे सदस्यों का हाथ लगाकर शीतला माता के मंदिर में चढ़ाते हैं। 
इस दिन चौराहे पर भी जल डालकर पूजा करनी चाहिए। फिर बायना निकालकर इस पर कुछ रुपए रखकर अपनी सासजी को चरण छूकर दें। उपरांत किसी वृद्ध को भी भोजन तथा दक्षिणा दें। 

स्रोत

दुनिया के पांच सबसे ताकतवर देश

इन देशों की जीडीपी भारत के मुकाबले कई गुना ज्यादा है। दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक ताकतों में भारत का स्थान 10वां। भारत का सकल घरेलू उत्पाद 1843 अरब डॉलर है। आर्थिक महाशक्तियों के मामले में पहले स्थान पर हैं—

संयुक्त राज्य अमेरिका- यूएसए की जी़डीपी दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है इसका आकार 15,060 अरब डॉलर है। अमेरिका दुनिया की प्रमुख
महाशक्ति के स्थान पर काफी समय से काबिज है।

चीन- एशिया के सबसे बड़े देश चीन ने हाल ही में जापान को पछाड़कर दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति होने का गौरव हासिल किया है चीन की
जीडीपी 6,989 अरब डॉलर की है।

जापान- चीन का पड़ोसी देश जापान काफी समय तक दुनिया की दूसरी बड़ी आर्थिक ताकत रहा है। लेकिन अब यह तीसरे स्थान पर है जापान की सकल घरेलू उत्पाद 5,855 अरब डॉलर है।

जर्मनी- नॉमिनल जीडीपी के मामले में जर्मनी चौथा सबसे बड़ा राष्ट्र है। इसकी जी़डीपी का आकार 3,629 अरब डॉलर है।

फ्रांस- यह दूसरा यूरोपीय देश है जो टॉप फाइव आर्थिक ताकतों में जगह बनाए हुए है। फ्रांस की जी़डीपी 2808 अरब डॉलर की है। 

जलती चिता से उतार लिया श्रीकृष्ण का शव

रायपुर।छत्तीसगढ़ राज्य के चंपा-जांजगीर जिले में आने वाले शिवरी नारायण मंदिर को गुप्त तीर्थ स्थल भी कहा जाता है क्योंकि यहां भगवान नीलमाधव का नारायणी रूप गुप्तरूप से विराजमान हैं। इसके पीछे की कहानी भी बड़ी रोचक है। प्राचीनकाल में शिवरीनारायण श्रीसिंदूर गिरि का क्षेत्र था, जहां घने जंगल होते थे और इस क्षेत्र में शबर जाति का शासन हुआ करता था।
 
ऐसी मान्यता है द्वापरयुग के अंतिम चरण में कौरवों और पांडवों के बीच युद्ध खत्म होने के बाद भगवान श्रीकृष्ण एक पेड़ के नीचे विश्राम कर रहे थे। कृष्ण को श्रापवश एक जरा नाम के शबर का तीर लगा, जिससे उनकी मृत्यु हो गई। वैदिक रीति से श्रीकृष्ण का दाह संस्कार किया गया, लेकिन उनका मृत शरीर नहीं जला।
 
इस कारण उनका मृत शरीर चिता से निकालकर समुद्र में प्रवाहित किया गया। इधर पश्चाताप की आग में जल रहे शबर को जब कृष्ण के मृत शरीर का समुद्र में प्रवाहित होने का समाचार मिला है तो वह तुरंत जाकर शरीर को समुद्र में से निकाल लाया।
 
इसी श्रीसिंदूरगिरि क्षेत्र में एक जलस्त्रोत के किनारे बांस के पेड़ के नीचे रखकर उनकी पूजा और तंत्र साधना करने लगता है। उनका मृत शरीर आगे चलकर नील माधव के नाम से प्रसिद्ध हुआ। वहीं इंद्रभूति नामक तांत्रिक नीलमाधव की मूर्ति को वहां से उठाकर ले जाता है और संभल पहाड़ी की गुफा में ले जाकर तंत्र साधना करने लगता है।
 
इधर, जरा शबर अपने नीलमाधव को न पाकर खूब रोता है और खाना पीना बंद कर देता है। उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर नीलमाधव अपने नारायणी रूप के दर्शन देकर गुप्त रूप से यहां विराजमान होने का वरदान देते हैं। तब से भगवान नारायण इस मंदिर में विराजमान हैं, जो भक्त हर साल माघपूर्णिमा को भगवान नारायण के दर्शन करता है। वह मोक्ष पाकर स्वर्ग जाता है।
रिलेटेड आर्टिकल शबरी-नारायण

दुनिया का अनोखा भूतहा कस्बा


अगर आप दिशा-निर्देश के लिए अपने स्मार्टफोन पर निर्भर रहते हैं और कैलिफोर्निया के डार्विन घूमने जाना चाहते हैं तो मैप और कंपास के साथ तैयार रहें क्योंकि स्मार्टफोन यहां शायद ही काम करे।

यह दूरदराज कस्बा डेथ वैली नेशनल पार्क के नज़दीक रेगिस्तानी पहाड़ों में स्थित है। यहां इंटरनेट की स्पीड काफी कम है और मोबाइल के सिग्नल भी कम ही काम करते हैं।

जनगणना विभाग के अनुसार इस कस्बे की कुल आबादी 43 है और यहां कोई भी 18 वर्ष की उम्र से कम नहीं है।

तस्वीरों में देखिए इस वीरान कस्बे की भूतहा हालत....
 
 

Call Centre


Actual call centre conversations

Customer:     'I've been ringing 0800 2100 for two days and can't get through to enquiries, can you help?'.
Operator:     'Where did you get that number from, sir?'.
Customer:     'It was on the door to the Travel Centre'.
Operator:     'Sir, they are our opening hours'.
 

Obscure Conspiracy Theories


5. Babylon
Some Rastafarians maintain that a white racist patriarchy (“Babylon”) controls the world in order to oppress the African race. They believe that Emperor Haile Selassie of Ethiopia did not die when it was reported in 1975, and that the racist, white media (again, “Babylon”) propagated that rumour in order to squash the Rastafari Movement and its message of overthrowing Babylon. Other Rastafarians, however, believe in peace and unity, and interpret Babylon as a metaphor for the established “system” that oppresses (or “downpresses,” in Rasta terminology) groups such as Africans and the world’s poor.

Wonders of the World You Don’t Know


5. Banaue Rice Terraces
Philippines
The Banaue Rice Terraces are 2000-year old terraces that were carved into the mountains of Ifugao in the Philippines by ancestors of the indigenous people. The Rice Terraces are commonly referred to by Filipinos as the “Eighth Wonder of the World”. It is commonly thought that the terraces were built with minimal equipment, largely by hand. The terraces are located approximately 1500 meters (5000 ft) above sea level and cover 10,360 square kilometers (about 4000 square miles) of mountainside. They are fed by an ancient irrigation system from the rainforests above the terraces. It is said that if the steps are put end to end it would encircle half the globe. Locals to this day still plant rice and vegetables on the terraces. The result is the gradual erosion of the characteristic “steps”, which need constant reconstruction and care.

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Powered by 1200 bhp and W16 engine, Bugatti Grand Sport Vitesse doess a reported 0-100 kmph 2.6 seconds.

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First Ever Pregnant Guy Gives Birth to a Child

Thomas became world-famous after the media showed the pictures of the first ever documented pregnant transgender man.


English is a Very Phunny Language

A humorous poem: For your pleasure only.
Only the English could have invented this language!!!

We'll begin with a box, and the plural is boxes,
But the plural of ox becomes oxen, not oxes.
One fowl is a goose, but two are called geese,
Yet the plural of moose should never be meese.
You may find a lone mouse or a nest full of mice,
Yet the plural of house is houses, not hice.
If the plural of man is always called men,
Then shouldn't the plural of pan be called pen?
If I speak of my foot and show you my feet,
And I give you a boot, would a pair be called beet?
If one is a tooth and a whole set are teeth,
Why shouldn't the plural of booth be called beeth?
Then one may be that, and three would be those,
Yet hat in the plural would never be hose,
And the plural of cat is cats, not cose.
We speak of a brother and also of brethren,
But though we say mother, we never say methren.
Then the masculine pronouns are he, his and him,
But imagine the feminine: she, shis and shim!   Let's face it - English is a crazy language.
There is no egg in eggplant nor ham in hamburger;
neither apple nor pine in pineapple.
English muffins weren't invented in England .
We take English for granted, but if we explore its paradoxes,
We find that quicksand can work slowly, boxing rings are square,
And a guinea pig is neither from Guinea nor is it a pig.   And why is it that writers write but fingers don't fing,
Grocers don't groce and hammers don't ham?
Doesn't it seem crazy that you can make amends but not one amend.
If you have a bunch of odds and ends
And get rid of all but one of them, what do you call it?   If teachers taught, why didn't preachers praught?
If a vegetarian eats vegetables, what does a humanitarian eat?
Sometimes I think all the folks who grew up speaking English
Should be committed to an asylum for the verbally insane.   In what other language do people recite at a play and play at a recital?
We ship by truck but send cargo by ship.
We have noses that run and feet that smell.
We park in a driveway and drive in a parkway.
And how can a slim chance and a fat chance be the same,
While a wise man and a wise guy are opposites?   You have to marvel at the unique lunacy of a language
In which your house can burn up as it burns down,
In which you fill in a form by filling it out,
And in which an alarm goes off by going on.   And, in closing, if Father is Pop, how come Mother's not Mop?   And if people from Poland are called Poles
Then people from Holland should be Holes
And the Germans, Germs.   And let's not forget the Americans, who changed s to z, but that's another story.

10 Enormous Numbers


One of the first questions that kids often ask is “What is the biggest number?” This question is an important step in transitioning to a world of abstract concepts. The answer is of course that numbers are generally considered endless, but there gets to be a point were numbers become so big that there really is no point in having them, they have no real importance outside of the fact that yes technically they do exist. To make a list like this I could simply write down a massive number for the first number, and then write +1, +2, +3 and so on for the rest of the list. Instead I chose to take out 10 numbers that do have some effect on the world and place them in ascending order, giving a brief explanation as to what they are and how they have some relevance on the world, albeit very small relevance, especially when compared to the size of the number itself.
10
10^80
Lucky Numbers Abstract Wall Art
Ten to the eightieth power – a 1 with 80 zeros after it – is quite massive but somewhat tangible at least from a relatively concrete point of view. This is the estimated number of fundamental particles in the known universe, and with fundamental particles we’re not talking about microscopic particles, we’re talking about much smaller things like Quarks and Leptons – subatomic particles. The name for this number in U.S. and Modern British is “One Hundred Quinquavigintillion” I would write out phonetically how to pronounce that but I don’t have a clue. The concept of the amount of such small things and how many of them make up the entire universe may seem overwhelming, but it is the smallest and easiest to understand of the numbers on this list.