संता जी यूं बिगड गए

पढते पढते समाचार पत्र को , संता जी यूं बिगड गए ,
करे कोई , भरे कोई, न्याय के दावे अब किधर गए ?
लगता है अब तो क़ानून भी माया पाश में जकड़े गए ,
देखिये, ''राम स्वरुप'' ने चोरी की, ''फलस्वरूप'' पकडे गए ??