सफेद दाग

सफेद दाग :
सफेद दाग को लोगों ने कुष्ट रोग का नाम दिया है, ऐसे नामों से प्रायः लोग घबरा जाते हैं मगर सफेद दाग छूत की बीमारी नहीं है।
संक्रामक रोग नहीं है। केवल त्वचा का रंग बदल जाता है किसी कारण से। अगर सही समय पर इसका इलाज किया जायें, तो समय जरूर लगेगा परंतु यह ठीक हो सकता है।
इसके इलाज के लिये धैर्य की जरूरत होती है। इलाज करते-करते इन दागों के बीच में काले काले धब्बे पड़ते है। इसके लिये घबराइये नहीं। काले निशान फैलते जानने का संकेत सफेद दाग के ठीक होने का है। धीरे-धीरे काले निशान फैलते जायेंगे और सफेदी खत्म होती जायेगी। त्वचा का रंग सामान्य होता जाएगा। सफेद दाग त्वचा पर क्यों होते हैं इसका कोई विशेष कारण साफ-साफ पता नहीं चला है।
मगर फिर भी कुछ कारण ऐसे है जिनकी वजह से सफेद दाग होते हैं व तेजी से फैलते भी हैं जैसे-
*विरोधी भोजन लेने से। दूध व मछली साथ-साथ न लें।
*शरीर का विषैला तत्व (Toxic) बाहर निकलने से न रोकें जैसे- मल, मूत्र, पसीने पर डीयो न लगायें।
*मिठाई, रबडी, दूध व दही का एक साथ सेवन न करें।
*गरिष्ठ भोजन न करें जैसे उडद की दाल, मांस व मछली।
*भोजन में खटाई, तेल मिर्च, गुड का सेवन न करें।
*अधिक नमक का प्रयोग न करें।
*ये रोग कई बार वंशानुगत भी होता है।
*रोज बथुआ की सब्जी खायें, बथुआ उबाल कर उसके पानी से सफेद दाग को धोयें कच्चे बथुआ का रस दो कप निकाल कर आधा कप तिल का तेल मिलाकर धीमी आंच पर पकायें जब सिर्फ तेल रह जाये तब उतार कर शीशी में भर लें। इसे लगातार लगाते रहें । ठीक होगा धैर्य की जरूरत है।
*अखरोट खूब खायें। इसके खाने से शरीर के विषैले तत्वों का नाश होता है। अखरोट का पेड़ अपने आसपास की जमीन को काली कर देती है ये तो त्वचा है। अखरोट खाते रहिये लाभ होगा।
*रिजका (Alfalfa) सौ ग्राम, ककडी का रस मिलाकर पियें दाद ठीक होगा।
*लहसुन के रस में हरड घिसकर लेप करें तथा लहसुन का सेवन भी करते रहने से दाग मिट जाता है।
*छाछ रोजना दो बार पियें सफेद दाग ठीक हो सकता है।
*लहसुन के रस में हरड को घिसकर कर लेप करें साथ साथ सेवन भी करें।
*पानी में भीगी हुई उडद की दाल पीसकर सफेद दाग पर चार माह तक लगाने से दाद ठीक हो जायेगा।
* हल्दी एक औषधि है। इससे त्वचा रोग में फायदा होता है। सौ ग्राम हल्दी, चार सौ ग्राम स्पिरिट (स्प्रिट) लेकर मिलायें और खाली शीशी में भर कर रख दें धूप में दिन में कम से कम तीन बार हिलायें जोर-जोर से। ये टिंचर का काम करेगा दिन में तीन बार शरीर पर लगायें। हल्दी गर्म दूध में डालकर पियें छः महीने कम से कम।
*तुलसी का तेल बनायें, जड़ सहित एक हरा भरा तुलसी का पौधा लायें, धोकर कूटपीस लें रस निकाल लें। आधा लीटर पानी आधा किलो सरसों का तेल डाल कर पकायें हल्की आंच पर सिर्फ तेल बच जाने पर छानकर शीशी में भर लें। ये तेल बन गया अब इसे सफेद दाग पर लगायें।
*नीम की पत्ती, फूल, निंबोली, सुखाकर पीस लें प्रतिदिन फंकी लें।
सफेद दाग के लिये नीम एक वरदान है। कुष्ठ जैसे रोग का इलाज नीम से सर्व सुलभ है। कोई बी सफेद दाग वाला व्यक्ति नीम तले जितना रहेगा उतना ही फायदा होगा नीम खायें, नीम लगायें ,नीम के नीचे सोये ,नीम को बिछाकर सोयें, पत्ते सूखने पर बदल दें। पत्ते,फल निम्बोली,छाल किसी का भी रस लगायें व पियें भी। जरूर फायदा होगा कारण नीम में एक एंटीबायोटिक है।ये अपने आसपास का वातावरण स्वच्छ रखता है। इसकी पत्तियों को जलाकर पीस कर उसकी राख इसी नीम के तेल में मिलाकर घाव पर लेप करते रहें। नीम की पत्ती, निम्बोली ,फूल पीसकर चालीस दिन तक शरबत पियें तो सफेद दाग से मुक्ति मिल जायेगी। नीम की गोंद को नीम के ही रस में पीस कर मिलाकर पियें तो गलने वाला कुष्ठ रोग भी ठीक हो सकता है।

जूतों से आने वाली दुर्गन्ध

जूतों से आने वाली दुर्गन्ध दूर करने के लिए घरेलु नुुस्खा:-
चाय बनाकर चायपत्तियों, सन्तरे के छिलकों को फेंके नहीं
सन्तरे के छिलकों को फेंके नहीं, रात में इन्हें दुर्गन्ध मार रहे जूतों के अंदर रख दें, अगली सुबह इन छिलकों को फेंक दें, जूतों से दुर्गन्ध दूर हो जाएगी। जिनके पाँवों के तालुओं से गंध आती है उसे दूर करने का देशी उपाय भी जान लीजिए...चाय बनाकर चायपत्तियों को छानने के बाद फ़ेंकें नहीं।
दिन भर में जितने बार भी चाय बने, पत्तियों को छानकर एकत्र कर लें, रात सोने से पहले सारी चायपत्ती को बड़े बर्तन में उबालें और जब यह गुनगुना हो जाए तो अपने तालुओं को इस पानी में करीब २० मिनट तक डुबोकर रखें।
ऐसा सप्ताह में सिर्फ एक बार ही करें,
एक महीने में समस्या से हमेशा का छुटकारा मिल जाएगा।
चाय में टैनिक एसिड पाया जाता है ,
जो कि पसीना रोकने में सक्षम होता है और इसमें त्वचा की कोशिकाओं को ड्राय (Dry) करने का गुण होता है साथ ही दुर्गंधकारक सूक्ष्मजीवों को मार भी गिराता है....