"शादी क्या है" ? ? ?
"शादी क्या है" ? ? ?
1. शादी एक खुली जेल है । जिसके बंधन में आजीवन रहना होता है।
2. शादी एक ऐसी साझेदारी है, जिसमें पूँजी पति लगाता है, लाभ पत्नी पाती है ।
3. शादी एक ऐसी कहानी है, जो झील के किनारे से शुरू होकर ज्वालामुखी के पहाड़ पर समाप्त होती है ।
4. शादी एक ऐसी जोड़ी है, जिसर्मे प्रेम होता है, चूंकि प्रेम अंधा होता है, इसलिये यह अंधों की जोड़ी है ।
5. शादी एक ऐसा आयोजन है, जिसे महीलायें पुरूषों को लूटने के लिये आयोजित करती है ।
6. शादी एक ऐसी किताब है, जिसका पहला भाग पद्य में तथा शेष गद्य में होते हैं ।
7. शादी एक ऐसा मिलन है, जो अच्छे मित्रों की तरह रहने के इरादे से शूरु किया जाता है और दिन-ब-दिन ये इरादे बदलते जाते हैं ।
8. शादी एक ऐसा प्रमाण है, जिसके बाद ही आदमी मानता है कि कुँवारे ही भले थे ।
9. शादी जीवन का एक ऐसा मोड़ है, जिसमें लड़की की सब चिंतायें समाप्त हो जाती है, लड़के की शुरू हो जाती है ।
10. शादी ही वह संस्कार है, जिसे करने के बाद आदमी को ज्ञान होता है कि नर्क पृथ्वी पर ही है ।
11. शादी एक शब्द नहीं, एक वाक्य है..!!
शादी वो ज़ख्म है जिसमे चोट से पहले हल्दी लगायी जाती है...!!
1. शादी एक खुली जेल है । जिसके बंधन में आजीवन रहना होता है।
2. शादी एक ऐसी साझेदारी है, जिसमें पूँजी पति लगाता है, लाभ पत्नी पाती है ।
3. शादी एक ऐसी कहानी है, जो झील के किनारे से शुरू होकर ज्वालामुखी के पहाड़ पर समाप्त होती है ।
4. शादी एक ऐसी जोड़ी है, जिसर्मे प्रेम होता है, चूंकि प्रेम अंधा होता है, इसलिये यह अंधों की जोड़ी है ।
5. शादी एक ऐसा आयोजन है, जिसे महीलायें पुरूषों को लूटने के लिये आयोजित करती है ।
6. शादी एक ऐसी किताब है, जिसका पहला भाग पद्य में तथा शेष गद्य में होते हैं ।
7. शादी एक ऐसा मिलन है, जो अच्छे मित्रों की तरह रहने के इरादे से शूरु किया जाता है और दिन-ब-दिन ये इरादे बदलते जाते हैं ।
8. शादी एक ऐसा प्रमाण है, जिसके बाद ही आदमी मानता है कि कुँवारे ही भले थे ।
9. शादी जीवन का एक ऐसा मोड़ है, जिसमें लड़की की सब चिंतायें समाप्त हो जाती है, लड़के की शुरू हो जाती है ।
10. शादी ही वह संस्कार है, जिसे करने के बाद आदमी को ज्ञान होता है कि नर्क पृथ्वी पर ही है ।
11. शादी एक शब्द नहीं, एक वाक्य है..!!
शादी वो ज़ख्म है जिसमे चोट से पहले हल्दी लगायी जाती है...!!
Kya aapke toothpaste mein namak hai.. ??
Pappu ko Heart ki bimari thi...
.
.
Doctor ne namak na khane ki salah
di..
.
.
.
Pappu ki biwi hamesha pappu khayal rakhne lagi..
.
.
.
Pappu bhi bahot sawdhani rakhne
laga..
.
.
.
Samay pe khana,
sona, uthna, dr. ki batai exercise
karna, khane mein namakbilkul na lena,
regular aur samay pe dawayi lena..
.
.
Par achanak ek din subah wo
pappu bathroom ke darwaje pe
mara hua mila..
.
.
.
Sab hairan the ki itni sawdhani ke
baad aisa kaise ho gaya..??
.
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Post martam ki report aayi to pataa chala..
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Uske Toothpaste mein 'Namak' tha...
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Kya aapke toothpaste mein namak hai.. ??
from COLGATE ACTIVE SALT..
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Doctor ne namak na khane ki salah
di..
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Pappu ki biwi hamesha pappu khayal rakhne lagi..
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Pappu bhi bahot sawdhani rakhne
laga..
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Samay pe khana,
sona, uthna, dr. ki batai exercise
karna, khane mein namakbilkul na lena,
regular aur samay pe dawayi lena..
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Par achanak ek din subah wo
pappu bathroom ke darwaje pe
mara hua mila..
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Sab hairan the ki itni sawdhani ke
baad aisa kaise ho gaya..??
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Post martam ki report aayi to pataa chala..
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Uske Toothpaste mein 'Namak' tha...
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Kya aapke toothpaste mein namak hai.. ??
from COLGATE ACTIVE SALT..
GF & BF
BF:" Tum Mujhe kitna pyar karti ho
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GF:" Arz Maarti hu..
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Chaha Hai jise chahat se zyada
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Samja Hai jise khud se zyada
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Bharosa Hai jispe sabse zyada
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Tu hi Hai woh "HARAMZADA"
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GF:" Arz Maarti hu..
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Chaha Hai jise chahat se zyada
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Samja Hai jise khud se zyada
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Bharosa Hai jispe sabse zyada
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Tu hi Hai woh "HARAMZADA"
आधुनिक काल के दोहे..
आधुनिक काल के दोहे..
कर्ज़ा देता मित्र को, वह मूर्ख कहलाए,
महामूर्ख वह यार है, जो पैसे लौटाए...
बिना जुर्म के पिटेगा, समझाया था तोय,
पंगा लेकर पुलिस से, साबित बचा न कोय...
गुरु पुलिस दोऊ खड़े, काके लागूं पाय,
तभी पुलिस ने गुरु के, पांव दिए तुड़वाय...
पूर्ण सफलता के लिए, दो चीज़ें रखो याद,
मंत्री की चमचागिरी, पुलिस का आशीर्वाद...
नेता को कहता गधा, शरम न तुझको आए,
कहीं गधा इस बात का, बुरा मान न जाए...
बूढ़ा बोला, वीर रस, मुझसे पढ़ा न जाए,
कहीं दांत का सैट ही, नीचे न गिर जाए...
हुल्लड़ खैनी खाइए, इससे खांसी होय,
फिर उस घर में रात को, चोर घुसे न कोय...
हुल्लड़ काले रंग पर, रंग चढ़े न कोय,
लक्स लगाकर कांबली, तेंदुलकर न होय...
बुरे समय को देखकर, गंजे तू क्यों रोय,
किसी भी हालत में तेरा, बाल न बांका होय...
दोहों को स्वीकारिये, या दीजे ठुकराय,
जैसे मुझसे बन पड़े, मैंने दिए बनाय...
कर्ज़ा देता मित्र को, वह मूर्ख कहलाए,
महामूर्ख वह यार है, जो पैसे लौटाए...
बिना जुर्म के पिटेगा, समझाया था तोय,
पंगा लेकर पुलिस से, साबित बचा न कोय...
गुरु पुलिस दोऊ खड़े, काके लागूं पाय,
तभी पुलिस ने गुरु के, पांव दिए तुड़वाय...
पूर्ण सफलता के लिए, दो चीज़ें रखो याद,
मंत्री की चमचागिरी, पुलिस का आशीर्वाद...
नेता को कहता गधा, शरम न तुझको आए,
कहीं गधा इस बात का, बुरा मान न जाए...
बूढ़ा बोला, वीर रस, मुझसे पढ़ा न जाए,
कहीं दांत का सैट ही, नीचे न गिर जाए...
हुल्लड़ खैनी खाइए, इससे खांसी होय,
फिर उस घर में रात को, चोर घुसे न कोय...
हुल्लड़ काले रंग पर, रंग चढ़े न कोय,
लक्स लगाकर कांबली, तेंदुलकर न होय...
बुरे समय को देखकर, गंजे तू क्यों रोय,
किसी भी हालत में तेरा, बाल न बांका होय...
दोहों को स्वीकारिये, या दीजे ठुकराय,
जैसे मुझसे बन पड़े, मैंने दिए बनाय...
उद्घाटन
गुरू जी नमस्ते! पहचाना..??
.
मैँ आपका शिष्य कल्लन बोल रहा हूँ।
.
''अरे ! कल्लन कैसे हो तुम ?? आज इतने सालो बाद मेरी याद कैसे आ गई ??
.
...और मेरा फोन नम्बर कैसे मिल गया??''
.
गुरूजी ! फोन नम्बर ढ़ुंढ़ना कौन-सा मुश्किल था ? जब प्यासे को प्यास लगती है तो जलस्रोत ढ़ुंढ़ ही लेता है।
.
...दरअसल गुरू जी हमने एक नया रोजगार शुरू किया है। ...और आपने बचपन मेँ कहा था की जब भी कोई काम शुरू करना हमसे उद्घाटन जरूर कराना।
.
...तो हम अपने काम का उद्घाटन आपसे ही कराना चाहते है।
.
''अतिसुन्दर ! वत्स। बताओ कहाँ आना है उद्घाटन के लिये हमेँ ? ''
.
गुरूजी ! आप पुराने खंडहर के पास चार लाख रूपया लेके आ जाईये। ..
.
आपका 'छोटूवा' हमरे कब्जे मेँ है। आज से ही 'अपरहण' का धंधा चालू किया तो सोचा की 'उद्घाटन' आपके शुभ हाथो से ही हो।
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मैँ आपका शिष्य कल्लन बोल रहा हूँ।
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''अरे ! कल्लन कैसे हो तुम ?? आज इतने सालो बाद मेरी याद कैसे आ गई ??
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...और मेरा फोन नम्बर कैसे मिल गया??''
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गुरूजी ! फोन नम्बर ढ़ुंढ़ना कौन-सा मुश्किल था ? जब प्यासे को प्यास लगती है तो जलस्रोत ढ़ुंढ़ ही लेता है।
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...दरअसल गुरू जी हमने एक नया रोजगार शुरू किया है। ...और आपने बचपन मेँ कहा था की जब भी कोई काम शुरू करना हमसे उद्घाटन जरूर कराना।
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...तो हम अपने काम का उद्घाटन आपसे ही कराना चाहते है।
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''अतिसुन्दर ! वत्स। बताओ कहाँ आना है उद्घाटन के लिये हमेँ ? ''
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गुरूजी ! आप पुराने खंडहर के पास चार लाख रूपया लेके आ जाईये। ..
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आपका 'छोटूवा' हमरे कब्जे मेँ है। आज से ही 'अपरहण' का धंधा चालू किया तो सोचा की 'उद्घाटन' आपके शुभ हाथो से ही हो।