Religious Thought 090
Excessive anger is a great harm, but greater still is The unmindfulness born of excessive pleasure. Just as perpetual poverty slowly slays one's knowledge, So does frequent forgetfulness destroy one's prestige.
- Tirukkural 54: 531-532
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It's easy to see The errors of others, But hard to see Your own. You winnow like chaff The errors of others, But conceal your own-- Like a cheat, an unlucky throw. If you focus on the errors of others, Constantly finding fault, Your effluents flourish. You're far from their ending.
- Dhammapada 18, translated by Thanissaro Bhikkhu.
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अंग्रेजी
जीजा ने हाल ही में अंग्रेजी सीखना शुरू किया था।
एक दिन उसकी साली उसके घर आई। अंग्रेजी का रुआब झाड़ने की गरज से जीजा ने उससे कहा - "आई लव यू"
साली पढ़ी लिखी थी और जीजाजी पर जान छिड़कती थी।
जवाब में बोली - "आई लव यू टू"
जीजा भी कहां पीछे रहने वाला था, बोला - "आई लव यू थ्री ....!"
एक दिन उसकी साली उसके घर आई। अंग्रेजी का रुआब झाड़ने की गरज से जीजा ने उससे कहा - "आई लव यू"
साली पढ़ी लिखी थी और जीजाजी पर जान छिड़कती थी।
जवाब में बोली - "आई लव यू टू"
जीजा भी कहां पीछे रहने वाला था, बोला - "आई लव यू थ्री ....!"