पुनर्जन्म


सन 1958 की बात है, मुज़फ़्फ़रनगर जिले के ग्राम रसुलपुर जाटान के एक लगभग तीन साल चार माह के बच्चे जसवीर पुत्र गिरधारी सिंह, जाट को चेचक निकली और उसकी मृत्यु हो गई। रात अधिक हो गई थी तो शरीर को रख दिया गया ताकि सुबह क्रियाक्रम के लिए शमशान ले जाया जा सके। 

सुबह जब क्रियाक्रम के लिए ले जाने की तैयारी करने लगे तो सब यह देखकर दंग रह गये कि बालक के शरीर में धीरे-धीरे प्राणों का संचार हो रहा है, बालक जीवित हो गया और कुछ दिनों में स्वस्थ हो गया। 

परन्तु उसके व्यवहार में भारी परिवर्तन हो गया था, वह उस घर के किसी भी सदस्य के हाथ का कुछ भी खाने को तैयार न था, कहता था कि वह तो ब्राह्मण है, अत: इस घर का कुछ न खाएगा। 

बच्चे ने बताया कि वह तो शोभाराम त्यागी है। 

पता चला कि उस ही दिन रात के 11 बजे शोभाराम त्यागी पुत्र शंकर लाल त्यागी नामक एक 22-23 वर्ष के युवा की मृत्यु बारात में जाते वक़्त तांगे से गिरकर हो गई थी। उस शोभा राम त्यागी की आत्मा जसवीर के शरीर में प्रवेश कर गई थी? 

जिस शरीर को अभी तक जसवीर की आत्मा भोग रही थी, मरने के बाद जसवीर की आत्मा तो प्रस्थान कर गई, उसके स्थान पर शोभाराम त्यागी की आत्मा उस शरीर में आ गई, और अब उस शरीर का उपभोग शोभाराम त्यागी की आत्मा करेगी और किया।
पुनर्जन्म-2

आगरा के सुरेश वर्मा 28 अगस्त, 1983 को दुकान से कार से घर लौट रहे थे, घर का दरवाजा खुलवाने के लिए हॉर्न बजाया। पर इसी बीच पहले से ही घात लगाकर बैठे दो आदमी बंदूक ताने उनकी ओर लपके और गोली दाग दी। एक गोली उनके पैर में लगी और दूसरी सिर में और सुरेश वर्मा की मृत्यु हो गई। 

28 अगस्त, 1983 को ही आगरा से 13 किलोमीटर दूर बढ़ ग्राम में सुरेश वर्मा की आत्मा ने पुन: जन्म ले लिया। उसका नाम टीटू रखा गया। आश्चर्य की बात यह थी कि सुरेश वर्मा के सिर व कान के पास जहाँ गोली लगी थी उस जगह उनके इस जन्म में भी निशान थे। 

प्रश्न यह उठता है कि सुरेश वर्मा 28 अगस्त, 1983 को मारे गये और उस ही दिन उनकी आत्मा ने जन्म ले लिया? इसका मतलब यह हुआ कि उस गर्भस्थ शिशु के शरीर में पहले से विद्यमान आत्मा चली गई और उसके स्थान पर सुरेश वर्मा की आत्मा उस शिशु के शरीर में आ गई थी? 

यानि कि टीटू के शरीर में पहले कोई दूसरी आत्मा रही, और जन्म के समय उस शिशु के शरीर में सुरेश वर्मा की आत्मा आ गई। शिशु टीटू ने सुरेश वर्मा के पुनर्जन्म के रूप में जन्म लिया।

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