पता नहीं क्यों...

आशिक अपनी गलफ्रेंड से फोन पर बोलता है, 'मुझे तुम्हारी आंखें बहुत अच्छी लगती हो, पता नहीं क्यो?'

जब तुम मटक के चलती हो तो तुम्हारी कमर बहुत अच्छी लगती है, पता नहीं क्यों?

तुम्हारी बिखरी-बिखरी जुल्फें बहुत अच्छी लगती हैं, पता नहीं क्यो?

मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं,पता नहीं क्यों?

गलफ्रेंड: अभी तुम कहां हो? सुनो तुम्हें मेरे 6 भाई खोज रहे हैं, पता नहीं क्यों...

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