10 इंच बरसात करवाने की दी गारंटी

गोंडल (गुजरात)। इंद्रदेव की बेरूखी से आम-खास हर वर्ग का चिंतित होना लाजिमी है। चौतरफा कमजोर मानसून की चिंता के बीच गुजरात में बारिश करवाने के लिए एक समझौता (एमओयू) हुआ है। समझौता पूर्व केन्द्रीय मंत्री व गुजरात गौ-सेवा आयोग चेयरमेन डॉ. वल्लभभाई कथीरिया व अन्य ने शोधकर्ता के साथ किया है।


तद्नुसार शोधकर्ता राजकोट जिले में 10 दिन में 10 इंच बारिश करवाएगा। वह ऐसा करने में सफल रहा तो उसे निजी स्तर पर समझौता करने वाले पक्षकारों की ओर से 50 लाख रुपए की जाएगी। शोधकर्ता मोहनभाई वेकरिया ने 12 साल मेहनत कर ’मेघराज रैन मेकर’ नामक मशीन बनाई है।


हालांकि उन्होंने मशीन के मिकैनिज्म का ब्यौरा देने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि यह जैविक पद्घति पर चलने वाली मशीन है। शोधकर्ता से समझौता करने वाले पक्षकारों ने गुरुवार दोपहर तीन बजे मशीन को स्टार्ट कर दिया। अब 48 घंटे अर्थात शनिवार दोपहर तीन बजे के बाद कभी भी राजकोट में घनघोर बारिश शुरू हो जाएगी। शोधकर्ता का दावा है कि एक बार बारिश आरंभ होने पर जब तक मशीन बंद नहीं की जाएगी बारिश का क्रम जारी रहेगा। 



कमिश्नर-कलेक्टर से भी मिले

राजकोट मनपा आयुक्त, महापौर और जिला कलैक्टर से मिल कर खडवंथली-गोंडल राजकोट निवासी मोहन वेकिरिया पिछले कुछ दिनों से एक करोड़ रुपए में शर्तिया बरसात करवाने की गारंटी दे रहे थे। इसलिए गुरुवार को गौ-सेवा आयोग चेयरमेन डॉ. वल्लभभाई कथीरिया व विधायक भरत बोघरा सहित भाजपा नेताओं ने शोधकर्ता से मुलाकात कर मशीन चालू करवाई। बारिश के लिए समझौता किया।


हालांकि उन्होंने तैयार एमओयू के कागजों पर हस्ताक्षार नहीं किए हैं। कथीरिया ने बताया कि शोधकर्ता के दावे को परखने के बाद एमओयू किया है। वे निर्धारित अवधि में दावा साबित कर सके तो उन्हें निजी स्तर पर मदद की जाएगी। भुगतान दिलाने में भी सहायता करेंगे। शोधकर्ता ने जो एमओयू दस्तावेज दिया उस पर हमने हस्ताक्षर करना टाल दिया है किन्तु समझौता जरूर किया है। मौसम विभाग का कहना है कि अगले पांच दिनों तक बारिश की राजकोट में संभावना नहीं है। इसलिए हमने यह समय चुना है ताकि पता लग सके कि बरसात के सिस्टम की गैर मौजूदगी में मशीन काम करती है अथवा नहीं।
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