सत्य की महिमा


एक सुंदर युवती ने प्लेन में सफर करते हूए अपने बगल में बैठे साधु से कहा,

'' स्वामीजी आप मुझपर एक मेहरबानी करेंगे?''

'' जरुर... आप बोलिये, मै आपकी क्या मदद कर सकता हूं?''

'' मैंने एक कीमती इलेक्ट्रॉनिक हेअर ड्रायर खरीदा है... लेकिन वह कस्टम लिमिट के ऊपर जा चूका है... और मुझे चिंता है की कस्टमवाले उसे मुझसे जब्त करेंगे... क्या आप उस हेअर ड्रायर को आपके चोंगे के अंदर छुपाकर ले जाओगे?'' युवतीने कहा ।

'' मुझे आपकी मदद करने में खुशी होगी, लेकिन मै आपको अभी से इत्तला कर दूँ की मैं झुठ नही बोलूंगा'' स्वामीजीने कहा.

'' स्वामीजी आपके मासूम चेहरे की वजह से आपको कोई पकडेगा नही ... तो झूट बोलने का सवाल ही नही आता'' युवतीने कहा.

''ठीक है ... जैसी आपकी मर्जी'' स्वामीजी राजी हो गए.

जब प्लेन लेंड हुवा और सब कस्टम से जाने लगे तो उस युवती ने स्वामीजी को अपने आगे जाने दिया. कस्टम ऑफीसर ने हर यात्री की तरह स्वामीजी से पुछा,

'' स्वामीजी क्या आपने गैरकानुनी तौर पर कुछ छिपाया है?''

'' मेरे सर से नीचे कमर तक मैने गैरकानुनी तौर पर कुछ छुपाया नही है'' स्वामीजीने कहा.

ऑफीसर को यह स्वामीजी का जवाब कुछ अटपटा-सा लगा. इसलिए उसने आगे पुछा, '' और कमर से नीचे जमीन तक क्या आपने गैरकानुनी तौर पर कुछ छिपाया है ?''

'' हां एक छोटी-सी सुंदर चीज छिपाई हूई है ... जिसका इस्तेमाल औरतें करती है ... लेकिन मेरे पास जो है उसका इस्तेमाल अभी तक हुवा नही है'' स्वामीजी ने कहा.

जोर से ठहाका लगाते हुए ऑफीसर ने कहा, '' ठीक है स्वामीजी आप जा सकते है ..."

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